तकनीकी विश्लेषण उपकरण का ढांचा

कौशल विकास व अन्य संबंधित कार्यक्रमों में 7 लाख मानवशक्ति को प्रशिक्षित करने का विद्युत मंत्रालय के टारगेट को पाने हेतु नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के टारगेट को पाने हेतु नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, स्मार्ट ग्रिड, स्मार्ट विलेज डिवेलपमेंट, विकेंन्द्रीयकृत उत्पादन व वितरण रेगुलेटरी ढांचे व वाणिज्यिक दृष्टिकोण पर कार्यक्रम, डिमांड साईट मैनेजमेंट व ऊर्जा दक्षता, विद्युत, मार्केट आदि क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करने का एनपीटीआई ने प्रस्ताव रखा है।
ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कार्यक्रमों आदि द्वारा नए कर्मचारियों की नियोजनीयता को सुधारते हुए व पेशेवर इंजीनियरों, डिप्लोमा इंजीनियरों व तकनीशियनों, सलाहकारों, उद्यमी व अकादमिक संस्थानों के संकाय सदस्यों के कौशल को सुधारते हुए इन कार्यक्रमोंका लक्ष्य कौशल को विकसित करना होगा ।
- सोलर पीवी, सोलर रूफ टॉप (सौर छत) सोलर बिल्डिंग इंटिग्रेटेड पीवी, सौर ऊष्ण तकनीकों सहित परियोजना व्यवस्था, क्रियान्वयन एवं प्रमाणीकरण सहित विस्तारित संसाधन मूल्यांकन , कार्यस्थल चयन, शैडो विश्लेषण, लोड परिगणना एवं विश्लेषण कार्यविधियां,अनुमति एवं स्वीकृति मॉडयूल माउंटिंग संरचनाएं इनवर्टर कबल, डीसी व एसी संयोजन बक्से विद्युत रोधक, वृद्धि संरक्षण, दोष विश्लेषण भूजोयन, ओ एवं एम, निरीक्षण परीक्षण व चालू करना, डीपीआर प्रबंधन, वित्तीय मानक स्थापित करना, व्यवसायिक व वित्तीय पहलू आदि ।
- वायु ऊर्जा तकनीक का परिचय, सरकारी नीतियां व सहयोगी स्कीमें, वायु संसाधन आकलन तकनीकें, वायु प्रवाह की मॉडलिंग, वायु डाटा विश्लेषण, वायु टरबाइन की रूपरेखा का विवरण, ग्रिड एकीकरण पवन चक्की संयंत्र केओपी एवं एम पहलू ।
- जैवभार ऊर्जा का परिचय - जैव ईंधन भारत में जैवभार आधारित ऊर्जा की वर्तमान स्थिति जैवभार संसाधन, तकनीकें, गैसीकरण के मूल तत्व व गैसीफायर के प्रकार, गैसीफायर का चयन, तकनीक व कार्यविधि विवरण, सफल परियोजना के उदाहरण, मुद्दे व चुनौतियां ।
- अल्प जल विद्युत विकास हेतु व्यापक प्रशिक्ष्ज्ञण कार्यक्रम आयोजित करनाव इंजीनियरों, तकनीशियनों आदि के लिए हर स्तरों पर उचित परिचालन, अनुरक्षण व प्रवर्तन में लाने के कौशल का विकास ।
- गावोंमें सोलर पार्कों के माध्यम से स्मार्ट गावों का विकास करना, जिससे न केवल राजस्व का उत्पादन होगा बल्कि आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का भी विकास होगा जिसमें ग्रामीण स्तर पर उद्योग सम्मिलित होंगे व ग्रामीण अस्मिता को बनाए रखते हुए शहरी सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में लाना ।
- शहरी केन्द्रों की मूलभूत सुविधाओं को सशक्त करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयेाजित करना ।
- दूरस्थ क्षेत्रां व गावों में विकेन्द्रित वितरित उत्पादन व माइक्रो ग्रिड स्मार्ट परियोजनाएं (सौर मिनि व माइक्रो हाइडल आदि) न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हैं बल्कि हरित ऊर्जा की अवधारणा को भी प्रोत्साहित करते हैं व स्थानीय नियोजनीयता को भी बढ़ाते हैं।
- पावइट ऑफ कनेक्टि,विटी पर डिविएशन कम करने के लिए सभी नवीकरणीय ऊर्जा मॉडयूल, संकलित स्मािर्ट ग्रिड कंट्रोल से सुसज्जिकत हैं।
- डीडीयूजीजेवाई, आईपीडीएस, उदय सभी के लिए विद्युत 24X7 स्कीमें आदि विद्युत मंत्रालय के उपक्रमों के बारे में विद्युत क्षेत्र के कर्मचारियों को जागरूक करना ।
- जागरूकता बढ़ाने हेतु डीएसम एवं ऊर्जा दक्षता पर कार्यक्रम नियमित रूप से घोषित व आयेाजित किए जा सकते हैं ।
- बीईई/ईईएसएल के सहयोग से ऊर्जा दक्ष उपकरणों में रिटेलर कार्यक्रम व स्ट्रीईट लाईट हेतु ऊर्जा संरक्षण तकनीकों सहित स्वरचालित एलईडीए, उर्जा दक्ष कृषि पंप सेट आदि ।
- जलवायु परिवर्तन, कार्बन क्रेडिट व भूमण्डलीय तापक्रम वृद्धि के मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम ।
- रेगुलेट्री फ्रेमवर्क एंड कामर्शियल जैसे टैरिफ गणना एमवाईटी ढांचा, व्याापार आदि की बेहतर समझ के लिए यूटिलिटीज अधिकारियों को ई-शिक्षण मॉडयूल व असाइनमेंट के माध्यिम से घर बैठे दूर शिक्षण मोड द्वारा भारतीय विद्युत क्षेत्र के ‘रेगुलेट्री फ्रेमवर्क एंड कामर्शियल’’ पर उद्यमशील पाठयक्रम हैं जिनके फलस्वेरूप विद्युत क्षेत्र तकनीकी विश्लेषण उपकरण का ढांचा में सुधारों को बड़े पैमाने पर गति और प्रभावशीलता दी जा सकती है ।
- वर्ष 2022 तक नवीकरणीय उत्पासदन क्षमता में 175 गीगावाट की वृद्धि हो जाने के फलस्व0रूप सिस्टकम आपरेटर कार्यकुशलता को सुधारने की आवश्यककता होगी ताकि विद्युत सिस्टपम आपरेशन का नियोजन, परिचालन, अनुरक्षण व संचालन हो सके । हरित ऊर्जा कोरिडोरों को प्रभावकारी रूप से संचालन करने हेतु एनपीटीआई पोसोको - एसएलडीसी, आरएलडीसीएस एवं अन्यल सहयोगी संगठनों लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन करवाएगा । इसके साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन केन्द्रों के सभी संबंधित कार्य जैसे पुर्वानुमान सूची-पत्र बनाना, नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का संतुलन व राष्ट्री य ग्रिड का समर्थन भी करेगा ।
- विद्युत बाजार की गतिविधियों से संबंधित प्रोग्रामों का भी आयोजन किया जाएगा जो कि पावर ट्रेडिंग के सिद्धांत पावर एक्सगचेंज की मैकेनिज्मए एविलेविलिटी वेस्टट टैरिफ, ओवन एक्सेंस इन पावर सेक्अ र पर केन्द्रि त होंगे ।
- उत्पादन, संचारण व वितरण के क्षेत्रों सहित विभिन्न व्यावसायिक पहलुओं में कर्मचारियों की क्षमता निर्माण हेतु भारत सरकार की 24X7 सब के लिए बिजली योजना में गहन कैपसूल कोर्स की आवश्यकता होगी । वे सभी राज्य उपयोगिताएं जिन्होंने यूडीएवाई के अंतर्गत् विद्युत मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे यह उनके द्वारा स्वीकार्य होगा ।
- विद्युत क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों व अन्य क्षेत्रों में भी कर्मचारियों के उचित नियोजन हेतु उन्हें प्रमाणित करना व कौशल विकास प्रशिक्षण गतिविधियों का मिशन आगे बढ़ाने के लिए विद्युत क्षेत्रीय कौशल परिषद के संग उचित समझ/समझौता आदि व अंतरापृष्ठ की शुरूआत करना।
- स्मार्ट मीटरों एएमआई व संबंधित मूलभूत सुविधाएं पीक लोड प्रबंधन मांग प्रतिक्रिया व आउटेज प्रबंधन प्रणाली पर राज्य वितरण उपयोगिताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- इंटेलिजेंट पावर सिस्टपम का सिद्धांत, उपलब्धिसयों व चुनौतियों को चिन्हांरकित करते हुए स्माटर्ट ग्रिड पर कार्यक्रम । ये कार्यक्रम भारतीय संदर्भ में स्मानर्ट ग्रिड की आवश्य कता पर भी प्रकाश डालेंगे।
- दक्षिण एशियाई देशों में प्रसारित क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग में हाल ही में हुई महत्वकपूर्ण वृद्धि का लाभ उठाते हुए विद्युत क्षेत्र व दूसरे क्षेत्रों के यूएसएआईडी के सार्क देशों के लिए कार्यक्रम आयोजित करने का एनपीटीआई ने प्रस्तारव रखा है ।
- इंजीनियरिंग डिप्लोमा व आईटीआई संस्थानों से पास विद्यार्थियों के लिए प्रभावशाली रूप से शिक्षा उद्यम अंतर में पुल बांधने हेतु अकादमिक उद्यमी अंतरापृष्ठ अल्प मोडयूलर कार्यक्रमों का निर्माण करना ।
- इस तकनीक का उपयोग करते हुए सभी जेनिटस को सुपरक्रिटिकल पर कोर्स मॉडयूल पर व्याख्यान करना व प्रशिक्षण देना ।
- संयोजकता बढ़ाने व ' ट्रेंड इन इंडिया ' की अवधारणा में सहयोग देने हेुतु विशेषज्ञता के विभिन्न्ा क्षेत्रों में सक्षम विशेषज्ञों के विश्वव्यापी निकाय का निर्माण करने केलिए ज्ञान साथियों को शिनाख्त करना ।
- आधुनिक तकनीकी व प्रबंधीय सुधारों के साथ पंक्तिनबद्ध होने के लिए आईआईटी/आईएम/एडमिनिस्ट्रे टिव स्टातफ कालेज ऑफ इंडिया/टीईआरआई/नोर्ड पूल जैसे प्रख्याआत संस्थानों व उद्यमों के साथ सहयोग करना।
- एक प्रमाणित संस्थारन इंडस्ट्री फीडबैक संवादात्मेक पोर्टल का निर्माण करना ।
- विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ तैयार करना व ट्रेनिंग ऑफ ट्रेंनीज कार्यक्रमों द्वारा एनपीटीआई की आंतरिक मूलभूत सक्षमता बढ़ाना
संकलित प्रबंधन नीति
कानूनी प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रक के चिरस्थाायी व पर्यावरण अनुकूल विकास के लिए मानव संसाधनों को सशक्तर बनाते हुए उन्हेंस विद्युत क्षेत्र में सीमांत तकनीकों, प्रबंधकीय कौशल व व्याुवहारिकता से संपन्नक करने के लिए एनपीटीआई समर्पित है।
जलवायु अनुकूलन उपकरण
जलवायु भेद्यता का आकलन करने के लिए उपकरण उन लोगों या स्थानों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं जो संभावित नुकसान के लिए सबसे अधिक अतिसंवेदनशील होते हैं और उन कार्यों की पहचान करते हैं जो उनकी संवेदनशीलता को कम करते हैं। इस तरह के उपकरण विज्ञान-चालित प्रभाव-आधारित आकलन से नीति-चालित आकलन तक विकसित हुए हैं जो विशिष्ट अनुकूलन विकल्पों की सलाह देते हैं।
पिछले एक दशक में, कम-तकनीकी भागीदारी प्रक्रियाओं और स्थानीय रूप से प्रासंगिक अनुकूलन रणनीतियों का समर्थन करने के लिए सामुदायिक स्तर पर अनुकूलन के लिए उपकरण विकसित किए गए हैं।
कई अनुकूलन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जलवायु अनुकूलन उपकरण का उपयोग किया जा सकता है: रेफरी
- जागरूकता बढ़ाना जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
- सूचना एकत्र करना सामुदायिक अनुकूलन प्रयासों का समर्थन करने के लिए
- भेद्यता और लचीलापन का आकलन करना जलवायु प्रभावों के लिए तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों और समुदायों के लिए; बुनियादी ढांचे, कृषि और जल संसाधनों की लचीलापन का आकलन करना
- रणनीतियों की पहचान करना कमजोर प्रजातियों और समुदायों की अनुकूली क्षमता बढ़ाने के लिए
समुदाय-आधारित दृष्टिकोणों का एक फायदा यह है कि वे व्यापक हितधारक जुड़ाव की अनुमति देते हैं, और उस भूमिका को पहचानते हैं जो स्थानीय राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, संस्थागत और तकनीकी बल लोगों तकनीकी विश्लेषण उपकरण का ढांचा को जलवायु प्रभावों के पूर्वानुमान और प्रतिक्रिया करने की क्षमता को आकार देने में निभाते हैं। रेफरी
निम्नलिखित पृष्ठ कई समुदाय-आधारित जलवायु अनुकूलन उपकरणों का वर्णन करते हैं, जिनका उपयोग समुदायों सहित तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की भेद्यता का आकलन करने के लिए प्रवाल भित्ति चिकित्सकों द्वारा किया जा सकता है।
निगरानी तकनीक के इस्तेमाल का प्रसार
फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मेसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप ने वर्ष 2019 में जब इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजिज को 121 भारतीयों समेत कई उपयोगकर्ताओं के खातों में सेंध लगाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया तो ध्यान इस मेसेजिंग सेवा पर ही केंद्रित रहा। लेकिन दो साल बाद एनएसओ के बारे में हुए नए खुलासों ने दिखाया है कि दुनिया के तमाम हिस्सों में लोगों की जासूसी को आशंका से कहींं बड़े हद तक अंजाम दिया गया।
एनएसओ ग्रुप के पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से सरकारों द्वारा लक्षित लोगों के फोन की सघन निगरानी करने के आरोप लगे हैं। प्रभावित लोगों के फोन की फोरेंसिक जांच में इसकी पुष्टि भी हुई है। इस जासूसी की जद में मिस्र, बेल्जियम, फ्रांस, इराक, लेबनान, कजाकस्तान, पाकिस्तान, युगांडा, यमन, दक्षिण अफ्रीका एवं मोरक्को के वर्तमान एवं पूर्व शासनाध्यक्षों के भी नाम शामिल होने की बात कही गई है। जहां तक भारत का सवाल है तो इसके भी कई नेताओं, पत्रकारों, मंत्रियों एवं अन्य क्षेत्रों के लोगों के नाम लक्षित लोगों की सूची में शामिल तकनीकी विश्लेषण उपकरण का ढांचा रहे हैं।
इन खुलासों से जुड़ा एक व्यापक मुद्दा निगरानी के लिए तकनीक का इस्तेमाल और अपने-आप में निगरानी का विचार ही है। भारत में निगरानी का एक कानूनी ढांचा पहले से मौजूद है जिसमें सरकार को विशेष परिस्थितियों में किसी व्यक्ति की निगरानी करने का अधिकार दिया गया है। इसके लिए भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, भारतीय टेलीग्राफ नियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में प्रावधान भी किए गए हैं। हालांकि जानकार लंबे समय से कहते रहे हैं कि मौजूदा प्रावधान राष्ट्रीय सुरक्षा या अन्य कारणों से लोगों की जासूसी के लिए अपनाए जा रहे नए तरीकों से सुरक्षा दे पाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
एक्सेस नाऊ की इनक्रिप्शन नीति फेलो नम्रता महेश्वरी कहती हैं, 'निगरानी तकनीक कंपनियों द्वारा बनाए गए उपकरणों का इस्तेमाल भारत में निजता की सुरक्षा के लिए समुचित उपाय किए बगैर ही किया जा रहा है। ऐसी हमलावर तकनीकों का इस्तेमाल अधिकारों का अनुपालन करने वाला ढांचा लागू किए बगैर नहीं होना चाहिए। हमें सरकारी एवं निजी क्षेत्र से अधिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कानूनी सुधार करने की जरूरत है। एक लोकतंत्र में निगरानी का काम न्यायिक अनुमति के बगैर नहीं होना चाहिए और बाद में भी उसकी समीक्षा एवं न्यायिक उपचार के प्रावधान होने चाहिए।'
पेगासस की वजह से निगरानी का मुद्दा फिर से चर्चा में आने के बाद बिजऩेस स्टैंडर्ड निगरानी तकनीक मुहैया कराने वाली कुछ अन्य कंपनियों की गतिविधियों पर एक नजर डाली है। इनमें से अधिकांश कंपनियां सार्वजनिक रूप से काम नहीं करती हैं और इस तकनीक के संवेदनशील स्वरूप को देखते हुए यह बता पाना भी काफी मुश्किल होता है कि उनके ग्राहक कौन होते हैं?
इजरायल स्थित यह कंपनी खुद को 'लोगों की जान बचाने एवं उनकी सुरक्षा, न्याय संवद्र्धन और डेटा निजता में डिजिटल बुद्धिमत्ता को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक एवं निजी संगठनों के साझेदार' के तौर पर पेश करती है। पिछले साल मीडियानामा ने रिपोर्ट दी थी कि दिल्ली पुलिस सेलेब्राइट के एक तकनीकी समाधान यूफेड यानी सार्वभौमिक फारेंसिक निष्कर्ष उपकरण का इस्तेमाल कर रही थी। यूफेड लॉक हो चुके उपकरणों तक कानूनी पहुंच बनाने, पैटर्न, पासवर्ड या पिन लॉक को बाइपास करने और इनक्रिप्शन बाधाओं को तोडऩे में मदद करता है।
सेलेब्राइट ने अप्रैल में एक नई कंपनी के साथ विलय के जरिये अमेरिका में खुद को सार्वजनिक करने पर सहमति जताई थी। सेलेब्राइट ने बिज़नेस स्टैंडर्ड की तरफ से इसके ग्राहकों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि उसने 'एक मजबूत अनुपालन मसौदा बनाया हुआ है और उसके बिक्री निर्णय संभावित ग्राहक के मानवाधिकार रिकॉर्ड एवं भ्रष्टाचार-रोधी नीतियों को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं।' उसने कहा कि उसने सख्त नियंत्रण का भी ध्यान रखा है क्योंकि उसकी तकनीक का इस्तेमाल कानूनी रूप से स्वीकृत जांचों में किया जाता है।
सेलेब्राइट के मुताबिक, उसके डिजिटल तकनीकी विश्लेषण उपकरण का ढांचा बुद्धिमत्ता समाधान एक मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार करते हैं और वह यह सुनिश्चित करता है कि इसका इस्तेमाल अत्यंत महत्त्वपूर्ण मामलों में ही हो। सेलेब्राइट ने कहा है, 'हम अपनी तकनीक केवल उन्हीं कंपनियों, निकायों एवं एजेंसियों को बेचते हैं जो हमारे लाइसेंस समझौते में उल्लिखित शर्तों के अनुरूप इसके समुचित उपयोग की शर्त का पालन करते हैं। इन शर्तों का पालन नहीं करने वाले ग्राहकों को हम कोई सक्रिय सपोर्ट नहीं देते और न ही उनके लाइसेंस का नवीनीकरण करते हैं।' सेलेब्राइट अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन एवं इजरायल की सरकारों द्वारा प्रतिबंधित देशों को अपने तकनीकी उत्पाद नहीं बेचती है।
इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यूनिट 8200 के एक पूर्व कमांडर द्वारा स्थापित पैरागॉन सॉल्यूशंस एक छिपा हुआ स्टार्टअप है। फोब्र्स ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में कहा था कि यह फर्म व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसे इंस्टैंट मेसेजिंग अकाउंट को हैक करने का दावा करती है। इसके वरिष्ठ अधिकारियों में अधिकतर खुफिया सेवा के पूर्व अधिकारी हैं और इस बोर्ड में इजरायल के एक पूर्व प्रधानमंत्री का नाम भी शामिल है। फोब्र्स की मानें तो पैरागॉन की तकनीक किसी फोन तक अपनी पहुंच को देर तक बनाए रख सकती है। यहां तक कि फोन को रीबूट करने जैसे तरीकों के बाद भी वह फोन इसकी पहुंच में बना रहता है।
हिमाचल प्रदेश स्थित यह फर्म अपने ग्राहकों को रक्षा तकनीक एवं एहतियाती खुफिया-रोधी रणनीतियां देने का दावा करती है। फोन से दूर रहते हुए भी उसका डेटा हासिल करने, लक्षित व्यक्ति का प्रोफाइल तैयार करने, डार्कवेब खुफिया जानकारी जुटाने और सिग्नल जैमर एवं ड्रोन-रोधी प्रणाली जैसे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध-उपकरण भी शामिल हैं। शोगी कम्युनिकेशंस की वेबसाइट कहती है कि यह सिर्फ सरकारों एवं रक्षा मंत्रालय को अपने तकनीकी उत्पाद मुहैया कराती है, किसी व्यक्ति को निजी या वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए नहीं देती है।
नोएडा स्थित इस फर्म की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह कानूनी हस्तक्षेप, निरीक्षण एवं विश्लेषण के भविष्य की दिशा में प्रयासरत है। प्राइवेसी इंटरनैशनल द्वारा प्रकाशित दस्तावेजों में यह कहा गया था कि क्लियरट्रेल अपने ग्राहकों को 'अस्त्र' नाम का एक ट्रोजन सॉफ्टवेयर मुहैया कराती है जो लक्षित व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को संक्रमित कर उससे जानकारी जुटा सकता है। संक्रमित होते ही उस उपकरण के वेबकैमरा एवं माइक्रोफोन का नियंत्रण उसके पास आ जाता है। जहां दुनिया भर की सरकारें राष्टï्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के नाम पर निगरानी की जरूरत को सही ठहराती रहती हैं, वहीं पेगासस मामले में हुए खुलासों ने यह दिखा दिया है कि निगरानी तकनीक का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए किया गया है।
भारत सरकार एवं इसकी एजेंसियां भी निगरानी में काम आने वाली इन तकनीकी समाधानों को खरीदती हैं। लेकिन इस उद्योग के खुफिया चरित्र को देखते हुए यह पता लगा पाना कभी भी मुमकिन नहीं हो पाएगा कि असल में इसका इस्तेमाल किस हद तक किया जाता है।
साइट विश्लेषण के 4 आवश्यक तत्व
एक व्यवहार्य भवन डिजाइन बनाने में साइट विश्लेषण एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। साइट स्थान, स्थलाकृति, ज़ोनिंग नियमों, यातायात की स्थिति और जलवायु को ध्यान में रखते हुए एक डिजाइनर को अवसरों को अधिकतम करने और संभावित मुद्दों का अनुमान लगाने की अनुमति मिलती है। साइट विश्लेषण से अधिकतम मूल्य प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चार कारक महत्वपूर्ण हैं।
कारक एक: जलवायु रुझान
प्रित्ज़कर-विजेता वास्तुकार ग्लेन मुरकट को इसकी जलवायु को समझने के लिए डिज़ाइन शुरू करने से पहले एक साइट पर कैंपिंग के लिए जाना जाता है – एक उपलब्धि जो सभी आर्किटेक्ट्स के पास पूरा करने का समय नहीं है। अब हमारे पास 3D मॉडलिंग तकनीक है जो दुनिया भर में साइट स्थितियों में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है। जलवायु कारकों के लेंस के माध्यम से अपनी साइट का आकलन करने से आपको अवसरों का दोहन करने और कम अनुकूल कारकों के खिलाफ शमन करने का सबसे अच्छा मौका मिलता है।
प्रीडिज़ाइन आपको अपने डिज़ाइन विवरण में जलवायु विश्लेषण को बुनने में मदद करता है, जो आपकी साइट के ऐतिहासिक जलवायु डेटा के विश्लेषण के आधार पर आपकी परियोजना के लिए सबसे उपयुक्त ग्लेज़िंग अनुपात और छायांकन विकल्पों के विभिन्न संयोजनों के माध्यम से फ़िल्टर करने वाली सुविधाओं की पेशकश करता है।
कारक दो: सामाजिक विचार
अच्छे डिज़ाइन से उपयोगकर्ताओं के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि होनी चाहिए। Barton Malow Company ने Frostburg State University Education & Health Science Center के 3D और 4D मॉडल विकसित करने के लिए SketchUp का उपयोग किया।
स्केचअप का उपयोग करते हुए, टीम ने इस प्रक्रिया की शुरुआत में 3डी मॉडल विकसित किए, प्रस्तावित निर्माण और अतिरिक्त प्रभाव के लिए 4डी एनिमेशन प्रदर्शित करने के लिए छवियों का निर्यात किया। उन्होंने इस परियोजना को इस तरह से चरणबद्ध किया कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसके पड़ोसियों पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। स्केचअप दृश्यों ने निर्माण प्रक्रिया को चित्रित किया, लॉजिस्टिक योजनाओं को प्रभावी ढंग से संप्रेषित और चरणबद्ध किया, जिससे छात्रों को निर्माण के दौरान रहने और अध्ययन करने में मदद मिली। उन्होंने स्केचअप से साइट योजनाओं का निर्यात किया, जिसने प्रमुख क्षेत्रों को मैप किया, यह सुनिश्चित किया कि पहुंच बिंदु और निर्माण सामग्री भंडारण पैदल यात्री/वाहन यातायात में हस्तक्षेप न करे। मानव तत्व को ध्यान में रखते हुए निर्माण का एक बेहतरीन उदाहरण!
एकीकृत पड़ोस बनाने के लिए सामुदायिक खरीद महत्वपूर्ण है। शहरी नियोजन फर्म हाउसल लविग्ने एसोसिएट्स ने ओशकोश शहर के डाउनटाउन क्षेत्र के लिए एक आश्चर्यजनक शहरी पुनर्विकास योजना दी। यह परियोजना सफल रही, सामुदायिक समर्थन प्राप्त करना, आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और नागरिक गौरव और समुदाय को स्थापित करना।
प्रोजेक्ट टीम ने स्केचअप का उपयोग समुदाय की चिंताओं के जवाब में पुनरावृति और मूल्य प्रदर्शित करने के लिए किया। प्रौद्योगिकी उनके वर्कफ़्लो के लिए आवश्यक है – तेज़ 3D मॉडलिंग डिज़ाइन विकास की सुविधा प्रदान करता है, और सम्मोहक रेंडरिंग योजनाकारों और डिजाइनरों को ग्राहकों और समुदाय के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में मदद करता है। उनका मानना है कि प्रौद्योगिकी के साथ, शहरी योजनाकार शहरी नियोजन से अनुमान लगा सकते हैं।
अच्छी तरह से मानी जाने वाली इमारतें आसपास के समुदाय की संस्कृति का जश्न मनाती हैं। लुंड और स्लेटो आर्किटेक्ट्स की पुरस्कार विजेता परियोजना उल्स्टीन एरिना, अल्स्टीनविक शहर के लिए एक सभा स्थल है जो शहरी जीवन के साथ आसपास के परिदृश्य को एकीकृत करता है।
फैक्टर थ्री: ज़ोनिंग और रेगुलेशन
रास्ते का अधिकार, साइट इतिहास, संरक्षण की स्थिति, सूचीबद्ध भवन की स्थिति, वृक्ष संरक्षण आदेश, और निर्माण प्रदर्शन नियम सभी ज़ोनिंग और विनियमन के अंतर्गत आते हैं। 3DTechnology सबसे अधिक प्रभाव के लिए डिजाइन प्रक्रिया में निर्माण प्रदर्शन विश्लेषण को जल्दी शामिल करने में मदद करती है।
रेमिंगटन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में आर्किटेक्चरल डिज़ाइनर, स्कॉट मिलर, वैचारिक डिज़ाइन प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए स्केचअप उपकरणों के सूट का उपयोग करते हैं।
वह दरवाजे, सीढ़ियों और खिड़कियों के लिए स्थान और आयामों की समीक्षा करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके द्वारा डिजाइन किए गए भवन कोड मानकों के अनुरूप हैं।
Sefaira का उपयोग करने से Remington Corporation की टीम को उनके सस्टेनेबिलिटी इंजीनियरों के साथ सार्थक बातचीत शुरू करने में मदद मिलती है। वे भवन लिफाफा, उनके उपकरण/प्रकाश बिजली की आवश्यकता सीमा, और निर्माण असेंबली और ग्लेज़िंग सिस्टम के लिए न्यूनतम मूल्यों के माध्यम से ऊर्जा हानि के मुद्दों की पहचान कर सकते हैं।
कारक चार: अवसंरचनात्मक
अपनी मौजूदा साइट स्थितियों, विशेष रूप से मौजूदा उपयोगिताओं और बुनियादी ढांचे के स्थान को समझने के लिए सही तकनीक का उपयोग करते समय महंगी त्रुटियों से बचा जा सकता है। कंस्ट्रक्शन कंपनी FMT AB की सफलता इंटरऑपरेबल तकनीक के इस्तेमाल पर टिकी है। FMT AB साइट पर पॉइंट क्लाउड डेटा एकत्र करने के लिए एक ड्रोन भेजकर प्रत्येक प्रोजेक्ट को शुरू करता है। वे ड्रोन डेटा आयात करने और इसे स्केचअप में स्थानांतरित करने के लिए स्कैन एसेंशियल, ट्रिम्बल बिजनेस सेंटर और रियलवर्क्स का उपयोग करते हैं।
ट्रिम्बल प्रौद्योगिकियों का यह विशेष उपयोग कंपनी को अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अनुमानित 30% अधिक कुशल बनाता है। आज ही 30 दिन का निःशुल्क ट्रेल प्रारंभ करें।
ऊर्जा लेखा परीक्षक
(एस) शैक्षिक संस्थानों, बोर्डों, विश्वविद्यालयों या स्वायत्त निकायों के लिए ऊर्जा और इसके संरक्षण के कुशल उपयोग पर शैक्षिक पाठ्यक्रम तैयार करना और उनके पाठ्यक्रम में ऐसे पाठ्यक्रम को शामिल करने के लिए उनके साथ समन्वय करना;
अधिनियम के इन क्षेत्रों के कार्यान्वयन में सहायता देने के लिए हम ऊर्जा प्रबंधकों के साथ-साथ लेखा-परीक्षकों को सूचना और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उन्नत और किफायती तरीके का परीक्षण करने के लिए एक प्रायोगिक योजना विकसित कर रहे हैं। इसके अलावा, यह पृष्ठ मिलान करने की प्रणाली और प्रतिभागी प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को लिंक प्रदान करेगा।
हमारा उद्देश्य स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी, ऊर्जा दक्षता मुद्दों, लेखा-परीक्षकों और प्रबंधकों के लिए व्याख्यान नोट्स के साथ तकनीकी संदर्भों के बारे में सभी जानकारी प्रदान करना है।
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ऊर्जा प्रबंधकों की जिम्मेदारियां
1. वार्षिक गतिविधि की योजना बनाना और ऊर्जा लागत को कम करने के लिए वित्तीय रूप से आकर्षक निवेश प्रबंधन को प्रस्तुत करना।
2. सेल के अधिदेश और कार्य के बारे में प्रबंधन तकनीकी विश्लेषण उपकरण का ढांचा की सहमति से फर्म के भीतर एक ऊर्जा संरक्षण सेल स्थापित करना।
3. ऊर्जा की लागत को कम करने के लिए निगरानी और प्रक्रिया नियंत्रण में सुधार करने के लिए गतिविधियाँ शुरू करना।
4. ऊर्जा दक्षता के संबंध में उपकरण प्रदर्शन का विश्लेषण करना।
5. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा की खपत के स्तर का आकलन करने के लिए आवश्यक उचित कामकाज और इंस्ट्रूमेंटेशन का अंशांकन सुनिश्चित करना।
6. सूचना की सामग्री तैयार करना और अन्य कर्मचारियों के लिए विषय के बारे में आंतरिक कार्यशालाओं का संचालन करना।
7. दुकान के स्तर तक या फर्म के लाभ के लिए ऊर्जा की खपत के आंकड़ों को अलग करने में सुधार करना।
8. विभिन्न उत्पादों/ सेवाओं या फर्म की गतिविधि की विशिष्ट ऊर्जा खपत की सही गणना कैसे करें, के लिए एक कार्यप्रणाली स्थापित करना।
9. प्रचालन स्तर पर ऊर्जा दक्षता के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का विकास और प्रबंधन करना।
10. बाहरी कार्यक्रमों के लिए प्रबंधन कर्मियों के नामांकन का समन्वय करना।
11. ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी और प्रबंधन प्रणाली तथा सूचना निकाय पर क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर ज्ञान बैंक बनाना।
12. ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण उन्नयन, व्यापक एकीकृत प्रणाली और बाहरी नेटवर्किंग के लिए एकीकृत प्रणाली विकसित करना।
13. बाहरी एजेंसियों के माध्यम से ऊर्जा लेखा परीक्षा/ दक्षता सुधार परियोजनाओं के कार्यान्वयन का समन्वय करना।
14. एसोसिएशन के माध्यम से एक ही क्षेत्र के अन्य ऊर्जा प्रबंधकों के साथ सूचना प्राप्त करना और उसके आदान-प्रदान करने में भाग लेना।