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विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ

विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ
विदेश व्यापार, मुद्रा मूल्यह्रास और अधिमूल्यन, वैश्विक अनुमोदन, भुगतान संतुलन

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निर्यातकों को मिलेगा रुपये में लाभ

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आज विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में संशोधन कर निर्यातकों को निर्यात लाभों का दावा रुपये में करने में सक्षम बना दिया है। अब तक यह विदेशी मुद्रा में प्राप्त निर्यात भुगतान के लिए ही उपलब्ध था। यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लेन-देन रुपये में करने की व्यवस्था दी है। रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की ओर सरकार के कदम को देखते हुए नीतिगत संशोधन किया गया है, जिससे घरेलू मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लेन-देन में सहूलियत रहे।

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निपटान रुपये में करने यानी इनवाइसिंग, भुगतान और निर्यात एवं आयात का निपटान भारतीय रुपये में करने की अनुमति देने के लिए विदेश व्यापार नीति और प्रक्रियाओं की नियमावली में संशोधन किया है।’

विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ

80HHD. (1) एक निर्धारिती, एक भारतीय कंपनी या (एक कंपनी के अलावा अन्य) एक व्यक्ति भारत में निवासी जा रहा है, एक होटल के कारोबार में या विहित प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित एक टूर ऑपरेटर, की लगी हुई है परंतु 27 इस संबंध में या एक से एजेंट यात्रा,, के अनुसार और इस धारा के प्रावधानों के अधीन में, निर्धारिती की कुल आय, की कुल के बराबर राशि की कटौती कंप्यूटिंग में, वहाँ की अनुमति दी जाएगी

(ख) शेष लाभ के बाहर राशि का इतना (एक) की कटौती करने की अनुमति दी और एक रिजर्व खाते में जमा किया जा रहा है जिनके संबंध में पिछले वर्ष के लाभ और हानि खाते में डेबिट किया जाता है के रूप में खंड में निर्दिष्ट उप - धारा (4) में निर्धारित तरीके से निर्धारिती के व्यापार के प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जा:

28 [जैसा भी मामला हो एक होटल या,, या उसके बाद नवंबर, 1989 के 30 वें दिन और अक्तूबर, 1991 के 1 दिन पहले विहित प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित एक टूर ऑपरेटर, द्वारा अनुमोदित किया गया है समझा जाएगा बशर्ते कि अप्रैल, 1989 के 1 दिन या अप्रैल, 1990 के 1 दिन या, जैसा भी मामला हो, 1 अप्रैल दिन, 1991 अगर निर्धारिती को शुरू निर्धारण वर्ष के संबंध में इस खंड के प्रयोजनों के लिए विहित प्राधिकारी इस तरह के होटल के व्यवसाय में या कहा मूल्यांकन वर्षों के किसी के लिए प्रासंगिक पिछले वर्ष के दौरान इस तरह के टूर ऑपरेटर के रूप में लगी हुई थी.]

रुपया भुगतान तंत्र:

  • भारत में अधिकृत डीलर बैंकों को रुपया वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गई है (एक खाता जो एक अधिकृत बैंक दूसरे बैंक की ओर से रखता है)।
    • इस तंत्र के माध्यम से आयात करने वाले भारतीय आयातक भारतीय रुपए में भुगतान करेंगे जो विदेशी विक्रेता से माल या सेवाओं की आपूर्ति के लिये चालान भागीदार देश के अधिकृत बैंक के विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाएगा।
    • तंत्र का उपयोग करने वाले भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के अधिकृत बैंक के नामित विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा शेष राशि से भारतीय रुपए में निर्यात का भुगतान किया जाएगा।
    • निर्यात के लिये अग्रिम भुगतान की ऐसी किसी भी प्राप्ति की अनुमति देने से पहले भारतीय बैंकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इन खातों में उपलब्ध धनराशि का उपयोग पहले से ही निष्पादित निर्यात आदेशों/पाइपलाइन में निर्यात भुगतान से उत्पन्न भुगतान दायित्वों के लिये किया जाता है।
    • विशेष वोस्ट्रो अकाउंट में शेष राशि का उपयोग निम्नलिखित के लिये किया जा सकता है: परियोजनाओं और निवेशों के लिये भुगतान, निर्यात/आयात अग्रिम प्रवाह प्रबंधन, सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश आदि।

    मौजूदा तंत्र के लाभ:

    • विकास को बढ़ावा:
      • यह वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देगा और भारतीयरुपएके प्रतिवैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि का समर्थन करेगा।
      • जब से रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं , भुगतान की समस्या के कारण रूस के साथ व्यापार लगभग ठप है।
        • RBI द्वारा शुरू किये गए व्यापार सुविधा तंत्र के परिणामस्वरूप रूस के साथ भुगतान संबंधी मुद्दे को हल करना आसान हो गया है।
        • इस कदम सेविदेशीमुद्रामेंउतार-चढ़ाव का जोखिम भी कम होगा, विशेष रूप से यूरो-रुपया सममूल्यता को देखते हुए।

        UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)

        प्रश्न. भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन चालू खाते का गठन करता है? (2014)

        1. व्यापार संतुलन
        2. विदेशी संपत्ति
        3. अदृश्य का संतुलन
        4. विशेष आहरण अधिकार

        नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये:

        (a) केवल 1
        (b) केवल 2 और 3
        (c) केवल 1 और 3
        (d) केवल 1, 2 और 4

        विदेशी मुद्रा लाइसेंस

        एफएक्स टर्नकी समाधानों के एक हिस्से के रूप में ब्रोकरेज लाइसेंस प्राप्त करते समय बी 2 ब्रोकर कानूनी सहायता सेवाओं में आपका भरोसेमंद साथी हो सकता है। आप इन सेवाओं को स्वतंत्र रूप से ऑर्डर भी कर सकते हैं।

        प्रत्येक क्षेत्राधिकार की कानूनी प्रणाली वित्तीय गतिविधियों के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की मांग करने वाली कंपनियों पर विभिन्न आवश्यकताओं को लागू करती है और विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ इसकी कॉर्पोरेट संरचना, न्यूनतम शेयर पूंजी, कर्मचारियों और अधिकारियों पृष्ठभूमि, आईटी सिस्टम, एएमएल /केवाईसी कानूनी दस्तावेज और वित्त रिपोर्टिंग के लिए विशेष आवश्यकताओं को भी लागू करती है। इसलिए, किसी विशेष क्षेत्राधिकार चुनने से पहले सभी विशिष्ट आवश्यकताओं को समझना बेहद महत्वपूर्ण है।

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        मुक्त व्यापार समझौते के मोर्चे पर भारत के लिए कई अवसर

        प्रतीकात्मक चित्र

        वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के कारण सुस्त होती जा रही है। ऐसी स्थिति में विश्व व्यापार में हमारी हिस्सेदारी यदि 3-4 फीसदी भी बढ़ती है तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उत्साहजनक होगा। इसी कारण भारत ने मुक्त व्यापार समझौते अर्थात एफटीए पर अपना रुख बदला है। विश्व में अनेक क्षेत्रीय व्यापार समझौते हुए हैं। भारत ने भी 2012 के बाद श्रीलंका, बांग्लादेश, जापान, दक्षिण कोरिया इत्यादि देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत में उद्योग एवं सरकार में अवधारणा बनी कि एफटीए पर पहले के रुख से भारत को लाभ नहीं मिला, बल्कि उद्योग जगत को नुकसान विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ हुआ। यही कारण था कि भारत, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से 2019 में अलग हो गया।
        आरसीईपी समझौते को लेकर भारत की आशंका थी कि शुल्क मुक्त चीनी सामान से घरेलू बाजार भर जाएगा। हालांकि आरसीईपी से अलग होने के बावजूद चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा बीते तीन सालों से बढ़ता ही जा रहा है। यही कारण है कि भारत ने एफटीए को लेकर एक अंतराल के बाद अपना रुख बदला है। संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए हो चुका है। इस क्रम में ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय यूनियन से वार्ता विभिन्न चरणों में जारी है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार ब्रिटेन के साथ एफटीए वार्ता जल्द पूरी होने वाली है।

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