शेयर ट्रेडिंग

इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023

इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023
    https://www.cbse.gov.in/ पर जाएं?

JNU Times

CBSE Class 12th Term 2 Date Sheet In Hindi, CBSE Intermediate Time Table 2022 | सीबीएसई कक्षा 12वी टर्म 2 टाइम टेबल 2022

सीबीएसई 12वीं टर्म 2 डेट शीट 2022 (CBSE Class 12 Date Sheet 2022 in Hindi) - कला, वाणिज्य और विज्ञान समूह

सीबीएसई 12वीं टर्म 2 डेट शीट 2022 (CBSE Class 12 Date Sheet 2022 in Hindi) – कला, वाणिज्य और विज्ञान (Art, Commerce And Science) पीडीएफ डाउनलोड (PDF download) कैसे करें आपको नीचे पूरा टाइम टेबल दिया गया है।

CBSE 12th Class Term 2 Exam Date 2022 Information

बोर्ड का नाम (Name Of Board)केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board Of Secondary Education)
कक्षा (Class)12th Class (Intermediate)
सत्र (Session)2021-2022
परीक्षा टर्म २
एग्जाम तारीख March-April 2022

CBSE 12th Class Term 2 Exam Date Sheet (Time Table) 2022 Subject Wise

परीक्षा तिथि (Exam Date)1st Shift (10:30 AM)2nd shift (2:30 PM to 5:30 PM)
4 मार्च 2022अंग्रेजी ऐच्छिक अंग्रेजी कोर (English Elective English Core)
5 मार्च 2022कराधान, कर्नाटक संगीत कर्नाटक संगीत, मेल इंस हिंदुस्तानी संगीत वोकल प्रति आईएनएस (Taxation, Carnatic Music Carnatic Music, MEL INS Hindustani Music Vocal PER INS)
6 मार्च 2022 ज्ञान परंपरा अभ्यास, नेपाली ऑटोमोटिव, वित्तीय बाजार प्रबंधन बीमा इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी चिकित्सा निदान कुचिपुड़ी, उड़ीसा (Knowledge Tradition Practices, Nepali Automotive, Financial Market Management Insurance Electronic Technology Medical Diagnostics Kuchipudi, Odissi)

सीबीएसई 12 वीं कक्षा की 2 परीक्षा तिथि पत्र 2022 की जांच कैसे करें? | How To Check Cbse 12th Class Term 2 Exam Date Sheet 2022?

सीबीएसई टर्म 2 टाइम टेबल पीडीएफ कैसे डाउनलोड करें।

    https://www.cbse.gov.in/ पर जाएं?

सबसे पहले आप सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

12th Class Term 2 Exam Date Sheet पर क्लिक करें।

अब आप पीडीएफ डाउनलोड करके अपनी डेट शीट देख सकते है।

सीबीएसई टर्म 2 परीक्षा मार्च में प्रारंभ होकर अप्रैल में खत्म हो सकती है।

Business Studies (व्यवसाय अध्ययन) Class 11 [११ वीं कक्षा] CBSE (Commerce) (Hindi Medium) CBSE Topics and Syllabus

CBSE Syllabus For Class 11 [११ वीं कक्षा] Business Studies (व्यवसाय अध्ययन): Knowing the Syllabus is very important for the students of Class 11 [११ वीं कक्षा]. Shaalaa has also provided a list of topics that every student needs to understand.

The CBSE Class 11 [११ वीं कक्षा] Business Studies (व्यवसाय अध्ययन) syllabus for the academic year 2022-2023 is based on the Board's guidelines. Students should read the Class 11 [११ वीं कक्षा] Business Studies (व्यवसाय अध्ययन) Syllabus to learn about the subject's subjects and subtopics.

Students will discover the unit names, chapters under each unit, and subtopics under each chapter in the CBSE Class 11 [११ वीं कक्षा] Business Studies (व्यवसाय अध्ययन) Syllabus pdf 2022-2023. They इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023 will also receive a complete practical syllabus for Class 11 [११ वीं कक्षा] Business Studies (व्यवसाय अध्ययन) in addition to this.

CBSE Class 11 [११ वीं कक्षा] Business Studies (व्यवसाय अध्ययन) Revised Syllabus

CBSE Class 11 [११ वीं कक्षा] Business Studies (व्यवसाय अध्ययन) and their Unit wise marks distribution

निर्यात -आयात एक खरब डॉलर के पार, भारत ने सबसे ज्यादा अमेरिका को किया निर्यात

अप्रैल 2021- मार्च 2022 के दौरान निर्यात में दर्ज की गई इस सकारात्मक वृद्धि में पेट्रोलियम, सूती धागा एवं कपड़े, हथकरघा, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, चमड़ा, रसायन, प्लास्टि

निर्यात -आयात एक खरब डॉलर के पार, भारत ने सबसे ज्यादा अमेरिका को किया निर्यात

कोराेना की चुनौतियों के बीच मोदी सरकार के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का वस्तुओं का निर्यात 418 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह सब संभव हुआ है पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग वस्तुओं, रत्न एवं आभूषण और रसायन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से।

आयात भी 610 अरब डॉलर के अब तक के सर्वोच्च स्तर पर

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को वित्त वर्ष 2021-22 के व्यापार आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी। इन आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2022 में देश ने 40 अरब डॉलर का निर्यात किया जो एक महीने में निर्यात का सर्वोच्च स्तर है। इसके पहले मार्च, 2021 में निर्यात का आंकड़ा 34 अरब डॉलर रहा था।
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के दौरान भारत का वस्तु व्यापार (निर्यात एवं आयात) एक खरब डॉलर के पार चला गया, क्योंकि देश का आयात भी 610 अरब डॉलर के अब तक के सर्वोच्च स्तर तक पहुंच गया।

भारत ने सबसे ज्यादा अमेरिका को किया निर्यात

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 में 292 अरब डॉलर का निर्यात किया था। वर्ष 2021-22 में निर्यात आंकड़ा बड़ी बढ़त के साथ 418 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। गत 23 मार्च को देश ने 400 अरब डॉलर के निर्यात आंकड़े को पार कर लिया था। गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि इस वित्त वर्ष में भारत ने सबसे ज्यादा अमेरिका को निर्यात किया और उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), चीन, बांग्लादेश एवं नीदरलैंड का इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023 स्थान रहा।

उन्होंने कहा, "भारत से वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 417.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस आंकड़े में गैर-ईडीआई बंदरगाह से निर्यात के आंकड़े शामिल नहीं हैं और उसे जोड़ने पर निर्यात का पूरा आंकड़ा 418 अरब डॉलर के पार हो जाने की उम्मीद है। यह भारत के निर्यात इतिहास का सर्वकालिक उच्च स्तर है।"

गोयल ने कहा कि निर्यातकों एवं उद्योग संगठनों की कोशिशों, विभिन्न विभागों के बीच तालमेल और राज्य सरकारों के प्रयासों ने इस उपलब्धि तक पहुंचाने में योगदान दिया है। अप्रैल 2021- मार्च 2022 के दौरान निर्यात में दर्ज की गई इस सकारात्मक वृद्धि में पेट्रोलियम, सूती धागा एवं कपड़े, हथकरघा, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, चमड़ा, रसायन, प्लास्टिक और समुद्री उत्पादों का अहम योगदान रहा है।

गोयल ने कहा कि खासकर विकसित देशों को होने वाले निर्यात में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, "कोविड महामारी की कई लहरों के दौरान उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत का वस्तु निर्यात प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इस वित्त वर्ष के सभी 12 महीनों में निर्यात 30 अरब डॉलर से अधिक ही रहा है।" आलोच्य अवधि में कृषि उत्पादों का निर्यात 48 अरब डॉलर रहा है।

क्या है उन 3 अध्यादेशों में जिनके खिलाफ सड़क से संसद तक किसान आंदोलन पर उतर आए हैं

कृषि क्षेत्र से जुड़े ये तीन अध्यादेश- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश हैं. अब इन तीनों अध्यादेशों को संसद में बिल के रूप में पेश किया गया है.

किसानों का आज संसद कूच

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2020,
  • (अपडेटेड 16 सितंबर 2020, 11:13 AM IST)
  • वन नेशन वन मार्केट को मिलेगा बढ़ावा- सरकार
  • प्राइवेट कंपनियों को पहुंचेगा फायदा- विरोधी खेमा
  • किसानों को मिलेगा सही दाम और आजादी- सरकार

देश का किसान एक बार फिर सड़कों पर है. इस बार वजह वो तीन अध्यादेश हैं जो मोदी सरकार ने पास किए हैं और अब संसद में बिल के रूप में पेश कर दिया है. सोमवार को संसद में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये तीनों बिल पेश किए. अब सरकार की तैयारी इन तीनों बिलों को पास कराने की है. दूसरी तरफ देश के कई इलाकों में किसान इनके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और आज संसद तक कूच करने का ऐलान किया है.

कृषि क्षेत्र से जुड़े ये तीन बिल हैं- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल, आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल. केंद्रीय कैबिनेट पहले ही इनसे जुड़े अध्यादेश पास कर चुकी है, जिन्हें अब संसद में बिल के रूप में पेश किया गया है. लोकसभा से मंगलवार को आवश्यक वस्तु से जुड़े संशोधन बिल पास हो गया है.

सरकार के इन फैसलों का विरोध तब से ही किया जा रहा है जब से अध्यादेश पास किए गए. किसानों और किसान संगठनों का कहना है कि ये नये तथाकथित कृषि सुधार लागू होने से किसान और उसकी उपज पर प्राइवेट कंपनियों का कब्जा हो जाएगा और सारा फायदा बड़ी कंपनियों को मिलेगा.

1- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश
यह अध्यादेश इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023 राज्यों के कृषि उत्पाद मार्केट कानूनों (राज्य APMC Act) के अंतर्गत अधिसूचित बाजारों के बाहर किसानों की उपज के फ्री व्यापार की सुविधा देता है. इस अध्यादेश के प्रावधान राज्यों के एपीएमसी एक्ट्स के प्रावधानों के होते हुए भी लागू रहेंगे. सरकार का कहना है कि इस बदलाव के जरिए किसानों और व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संबंधित आजादी मिलेगी. जिससे अच्छे माहौल पैदा होगा और दाम भी बेहतर मिलेंगे.

इस अध्‍यादेश का मूल उद्देश्य एक देश, एक कृषि बाजार की अवधारणा को बढ़ावा देना और एपीएमसी बाजारों की सीमाओं से बाहर किसानों को कारोबार के साथ ही अवसर मुहैया कराना है. ताकि किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल सके.

इसके अलावा, यह अध्यादेश इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग को भी बढ़ावा देगा. यानी उपज की ऑनलाइन खरीद-फरोख्द इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023 भी की जा सकेगी. अध्यादेश में यह भी व्यवस्था है कि कोई भी व्यापार करने पर राज्य सरकार किसानों, व्यापारियों और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से कोई बाजार फीस, सेस या प्रभार नहीं वसूलेगी.

विशेषज्ञों का कहना है कि यह अध्यादेश किसानों को उनकी उपज देश में कहीं भी बेचने की इजाजत देता है, इस तरह इससे वन नेशन वन मार्केट का मॉडल लागू हो जाएगा. इस अध्यादेश के समर्थकों का मानना है कि इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. जबकि विरोधी खेमा कह रहा है कि इस अध्यादेश से मंडी एक्ट केवल मंडी तक ही सीमित कर दिया गया है और मंडी में खरीद-फरोख्त पर शुल्क लगेगा जबकि बाहर बेचने-खरीदने पर इससे छूट मिलेगी. इस नियम से खासकर मंडी व्यापारी बहुत नाराज हैं. उनका कहना है कि इससे बाहरी या प्राइवेट कारोबारियों को फायदा पहुंचेगा.

2- मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश
इस अध्यादेश में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात है. छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है. सरकार का कहना है कि यह अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएगा. इससे बाजार की अनिश्चितता का जोखिम किसानों पर नहीं रहेगा और साथ ही किसानों की आधुनिक तकनीक और बेहतर इनपुट्स तक पहुंच भी सुनिश्चित होगी. इससे किसानों की आय में सुधार होगा.

सरकार का कहना है कि यह अध्यादेश किसानों की उपज की वैश्विक बाजारों में आपूर्ति के लिए जरूरी आपूर्ति चेन तैयार करने को निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने में एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा. किसानों की ऊंचे मूल्य वाली कृषि के लिए तकनीक और परामर्श तक पहुंच सुनिश्चित होगी, साथ ही उन्हें ऐसी फसलों के लिए तैयार बाजार भी मिलेगा।

बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा. हालांकि, इसका विरोध करने वालों का दावा है कि अब निजी कंपनियां खेती करेंगी जबकि किसान मजदूर बन जाएगा. किसान नेताओं का कहना है कि इसमें एग्रीमेंट की समयसीमा तो बताई गई है लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र नहीं किया गया है.

3-आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश
इस अध्यादेश के जरिए अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू और प्याज को अनिवार्य वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया है. यानी अब इनका स्टोरेज किया जा सकेगा. सरकार का मानना है कि किसानों की अच्छी पैदावार होने के बावजूद कोल्ड स्टोरेज या निर्यात की सुविधाओं के अभाव में और वस्तु अधिनियम के चलते अपनी फसल के सही दाम नहीं ले पाते हैं.

सरकार का कहना है कि इस व्‍यवस्‍था से निजी निवेशक हस्‍तक्षेप के भय से मुक्‍त हो जाएंगे. साथ ही उत्‍पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्‍यापक स्‍तर पर उत्‍पादन करना संभव हो जाएगा और इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में निजी/प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा, इससे कोल्‍ड स्‍टोरेज में निवेश बढ़ाने और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला (सप्‍लाई चेन) के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी.

संशोधन के तहत यह व्‍यवस्‍था की गई है कि अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है. सरकार का कहना है कि किसानों और उपभोक्‍ताओं दोनों ही के लिए ही यह मददगार साबित होगा. इसके साथ ही भंडारण सुविधाओं के अभाव के कारण होने वाली कृषि उपज की बर्बादी को भी रोका जा सकेगा.

क्यों हो रहा है विरोध
किसान संगठन, किसान व कांग्रेस समेत कुछ राजनीतिक दल इन अध्यादेशों का विरोध कर रहे है. विरोध के पीछे दलील दी जा रही है इससे मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगा और निजी कारोबारियों या बाहरी कंपनियों की मनमानी बढ़ जाएगी. साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि किसानों की जमीन या खेती पर प्राइवेट कंपनियों का अधिकार हो जाएगा और किसान मजबूर व मजदूर बनकर रह जाएगा. ये भी कहा जा रहा है कि उपज के स्टोरेज से कालाबाजारी भी बढ़ेगी और बड़े कारोबारी इसका लाभ उठाएंगे.

ये भी कहा जा इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023 रहा है कि जब मंडी सिस्टम खत्म हो जाएगा तो किसान पूरी तरफ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर निर्भर हो जाएगा. इसका नतीजा ये होगा कि बड़ी कंपनियां ही फसलों की कीमत तय करेंगी. कांग्रेस ने तो इसे नया जमींदारी सिस्टम तक बता दिया है.

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने रिकॉर्ड 418 अरब डॉलर का किया निर्यात

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने रिकॉर्ड 418 अरब डॉलर का निर्यात किया है. आलोच्य अवधि में कृषि उत्पादों का निर्यात 48 अरब डॉलर रहा है.

Updated: April 4, 2022 12:48 PM IST

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने रिकॉर्ड 418 अरब डॉलर का किया निर्यात

पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग वस्तुओं, रत्न एवं आभूषण और रसायन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का वस्तुओं का निर्यात 418 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.

Also Read:

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को वित्त वर्ष 2021-22 के व्यापार आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी. इन आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2022 में देश ने 40 अरब डॉलर का निर्यात किया जो एक महीने में निर्यात का सर्वोच्च स्तर है. इसके पहले मार्च, 2021 में निर्यात का आंकड़ा 34 अरब डॉलर रहा था.

आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के दौरान भारत का वस्तु व्यापार (निर्यात एवं आयात) एक खरब डॉलर के पार चला गया क्योंकि देश का आयात भी 610 अरब डॉलर के अब तक के सर्वोच्च स्तर तक पहुंच गया.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 में 292 अरब डॉलर का निर्यात किया था. वर्ष 2021-22 में निर्यात आंकड़ा बड़ी बढ़त के साथ 418 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. गत 23 मार्च को देश ने 400 अरब डॉलर के निर्यात आंकड़े को पार कर लिया था.

गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि इस वित्त वर्ष में भारत ने सबसे ज्यादा अमेरिका को निर्यात किया और उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), चीन, बांग्लादेश एवं नीदरलैंड का स्थान रहा.

उन्होंने कहा, “भारत से वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 417.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस आंकड़े में गैर-ईडीआई बंदरगाह से निर्यात के आंकड़े शामिल नहीं हैं और उसे जोड़ने पर निर्यात का पूरा आंकड़ा 418 अरब डॉलर के पार हो जाने की उम्मीद है. यह भारत के निर्यात इतिहास का सर्वकालिक उच्च स्तर है.”

गोयल ने कहा कि निर्यातकों एवं उद्योग संगठनों की कोशिशों, विभिन्न विभागों के बीच तालमेल और राज्य सरकारों के प्रयासों ने इस उपलब्धि तक पहुंचाने में योगदान दिया है.

अप्रैल 2021- मार्च 2022 के दौरान निर्यात में दर्ज की गई इस सकारात्मक वृद्धि में पेट्रोलियम, सूती धागा एवं कपड़े, हथकरघा, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, चमड़ा, रसायन, प्लास्टिक और समुद्री उत्पादों का अहम योगदान रहा है.

गोयल ने कहा कि खासकर विकसित देशों को होने वाले निर्यात में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा, “कोविड महामारी की कई लहरों के दौरान उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत का वस्तु निर्यात प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. इस वित्त वर्ष के सभी 12 महीनों में निर्यात 30 अरब डॉलर से अधिक ही रहा है.”

आलोच्य अवधि में कृषि उत्पादों का निर्यात 48 अरब डॉलर रहा है.

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें व्यापार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

रेटिंग: 4.73
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 388
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *