शेयर ट्रेडिंग

इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें

इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें
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Station Guruji

अच्छा शेयर कैसे चुनें? अच्छा शेयर चुननें के तीन आसान तरीके जानिए।

अच्छा शेयर कैसे चुनें – How To Pick Best Stocks

Table of Contents

पिछले दिनों मैंने एक लेख लिखा था जिसका विषय था स्टॉक मार्केट में सफल निवेशक कैसे बने। इसमें मैंने बताया था कि हमें हमेशा अच्छा शेयर खरीदना चाहिए। अच्छे शेयर की पहचान के लिए हमें उस कंपनी का Balance Sheet एवं Profit & Loss A/c को अच्छी तरह देखना चाहिए।

कई दोस्तों ने कमेंट किया है कि हमारे पास इतना नॉलेज नहीं है कि हम कंपनी का Balance Sheet एवं Profit & Loss A/c समझ सकें और पढ़ना भी चाहे तो नहीं पढ़ सकते हैं। कुछ shortcut तरीका बताएं जिससे पता लगे किस कंपनी का stock अच्छा है जिसे हम खरीद कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

एक अच्छा शेयर का चुनाव करने से पहले हमें अपने आप से एक बात पूछना होगा कि हम शेयर को खरीद कर कितने दिनों तक रख सकते हैं। यानी हम लंबे समय के लिए शेयर खरीद रहे हैं या फिर एक-दो घंटे के लिए।

आज के समय में बहुत सारे लोग Intraday trading करते हैं। यानी शेयर को 1- 2 घंटे में खरीद कर बेंच देते हैं। यदि आपकी फटाफट लाभ कमाने के लिए शेयर खरीदना चाहते हो उसकी पहचान अलग है। यदि आप शेयर खरीद कर लंबी अवधि यानी 1 साल से ज्यादा रखना चाहते हो उसकी पहचान अलग है।

Intraday trading के लिए अच्छी शेयर की पहचान

यदि आप Intraday trading के लिए शेयर खरीदना चाहते हो उसके लिए आपको कंपनी के बारे में विशेष जानने का कोई आवश्यकता नहीं है। आपको जिस दिन शेयर खरीदना है उस दिन मार्केट के शुरुआती 1 घंटे में शेयर की चाल को देखना है। यदि यह लगातार बढ़ रहा है तो आप उसे खरीद ले। 1- 2 घंटे बाद 2- 4% जो भी लाभ-हानि हुआ उसे बेचते हैं।

जैसे एक उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं यदि हमें किसी व्यक्ति के साथ एक-दो घंटे गुजारना है तो हम उसके बारे में विशेष जानकारी नहीं रखना चाहते हैं जैसे उसका स्वभाव कैसा है? किस खानदान से जुड़ा हुआ है? आदि-आदि। हमें 1- 2 घंटे निकाल कर अलग हो जाना है। ठीक उसी प्रकार Intraday trading में हमें उस शेयर को लेना है और बेचना है।

कई कंपनी जो दिवालिया होने के कगार पर रहते हैं लेकिन Intraday trading में 10% से ज्यादा मुनाफा दे देते हैं। क्योंकि कोई पॉजिटिव न्यूज़ उसके शेयर को उछाल देता है। उस समय यह बात का कोई मतलब नहीं कि वह कंपनी दिवालिया होने वाली है या कुछ और।

इसलिए Intraday trading में यदि आपको अच्छे शेयर का चुनाव करना हो आपको भेड़ चाल चलनी पड़ेगी। यानी जो सभी लोग खरीदे हैं उसे ख़रीदो जो सब लोग बेच रहे हैं उसे बेंच दो। इसी चाल से आप इसमें मुनाफा कमा सकते हो और यही एक अच्छे निवेशक की पहचान है।

लंबी अवधि के लिए एक अच्छी शेयर का चुनाव कैसे करें?

यदि आप किसी शेयर को 1 साल या इससे अधिक समय तक खरीद कर रखना चाहते हैं तो इसकी पहचान के लिए कई तरीके हैं। यदि आप के पास कंपनी का Fundamental, Value, Growth, Balance Sheet, Profit and Loss Account, Company Management, Dividend Policy, P/E Ratio इत्यादि जानने का समय है एवं यह सब जानने में रुचि रखते हैं तो इसे जानकर आप कंपनी के बारे में अच्छी जानकारी ले सकते हो और पता लगा सकते हो कि शेयर अच्छा है या खराब है।

लेकिन अगर आप उपरोक्त जानकारी हासिल करने में Interested नहीं हो और कुछ Shortcut अपनाना चाहते हो जिससे पता लगे कौन सा शेयर अच्छा है। इस पहचानने के लिए मैं आपको कुछ अलग तरीका बताऊंगा जो कहीं भी आपको नहीं मिलेगा।

मैं आपको एक अच्छे शेयर चुनाव करने के लिए कुल 3 तरीके बता रहा हूं जो बिल्कुल सरल एवं practical है। चाहे आप financial background से हो या ना हो अच्छे Share का चयन जरुर कर सकते है।

अच्छा शेयर चुननें के 3 तरीके निम्नलिखित है-

1. Mutual Fund Portfolio देखकर

आपको केवल यह करना है कि आप जो भी शेयर लेना इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें चाहते हैं या अभी तक कोई आपने विचार नहीं किया है कौन सा शेयर लेें तो आप तो Top 5 Mutual Fund को Google में सर्च कर ले।

प्रत्येक Mutual Fund में 70 से 80 कंपनी का शेयर शामिल रहता है। आप ऊपर के 10 शेयर को एक नोटबुक में लिखें। इसी प्रकार पांचों Mutual Fund के 10-10 शेयर को नोटबुक में लिख ले।

आप पांचों Mutual Fund से लिखे गए 10-10 शेयरों को आपस में चेक करें कि कौन सा ऐसा कंपनी का शेयर है जो पांचों Mutual Fund या 4 में शामिल है। जो अधिकतर Mutual Fund पोर्टफोलियो में शामिल है वही एक अच्छा शेयर है।

दोस्तों एक Mutual Fund मैनेजर के अंदर कई मार्केट विशेषज्ञ काम करते हैं। वह सभी अच्छी तरह कंपनी के हर एक पहलू को गौर कर उसे अपने Mutual Fund में शामिल करता है।

आप यदि इस प्रकार 5 Mutual Fund जो सबसे अच्छा है उसका Portfolio लिख लेते हैं तो आप कुल 100 मार्केट विशेषज्ञों की चॉइस जान लिए। यह अच्छे शेयर चुनाव का तरीका सबसे सटीक और आसान तरीका है।

जैसे एक उदाहरण देकर हम इसे समझाते हैं। आपने Top 5 Mutual Fund चुन लिया। उस 5 Mutual Fund के 10- 10 शेयर को लिख लिया। मान लेते हैं कि HDFC Bank उस 5 Mutual Fund में से चार के पोर्टफोलियो में शामिल है या SBI 5 में से पांचों में शामिल हैं तो यह दोनों शेयर को चुनाव कर सकते हो।

2. Top Ten Company

यदि आप तरीका नंबर 1 के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। यानीं आपके पास समय बिल्कुल भी नहीं है कुछ होमवर्क करने का तो फिर आप Nefty के Top Ten कंपनी में से उस कंपनी को चुन सकते हैं जिसका शेयर वैल्यू ना तो साल का उच्चतम हो ना साल का निम्नतम, यानी बीच में हो। उसका आप शेयर खरीद सकते हैं।

एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए ICICI Bank का Share निफ्टी के Top Ten शेयर में शामिल है। इसका वर्तमान मूल्य ₹400 प्रति शेयर है। साल का निम्नतम 350 और उच्चतम 450 रुपए हैं तो हम यह शेयर आराम से खरीद सकते हैं।

यह तरीका सबसे आसान है। इससे आसान तरीका आपको कोई भी नहीं बता सकता है।

3. परंपरागत शेयर

आप सोच रहे होंगे कि यह कौन सा शेयर है। दोस्तों यह शेयर हम उसे कहते हैं जिसे हम सालों से देख रहे हैं और अभी भी अच्छी तरह चल रही है।

जैसे आज से 40 साल पहले मेरे पिताजी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अपना अकाउंट खुलवाया था और आज भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तेज गति से आगे बढ़ रही हैं। हमें एसबीआई का शेयर जरूर लेना चाहिए क्योंकि यह एक लंबी रेस का घोड़ा साबित हो सकता है।

पारले जी बिस्कुट हम बचपन में खाते आ रहे हैं और आज भी खा रहे हैं। यानी यह कंपनी एक लंबी रेस का घोड़ा है। हमें इसमें जरूर निवेश करना चाहिए।

दोस्तों मैं किसी कंपनी का नाम लेकर उसका विज्ञापन नहीं कर रहा हूं। मैं एक उदाहरण दे रहा हूं कि जो समान आप सालों से उपयोग कर रहे हैं और अभी भी वह अच्छी तरह अपना काम कर रही है। इसलिए उस कंपनी में निवेश कर देना चाहिए यदि आपको कोई विशेष जानकारी नहीं है।

इस प्रकार हमने आपको 3 सरल उपाय बताएं। जिसके द्वारा बिना किसी Financial knowledge के अच्छी stock का चुनाव कर सकते हैं। आप एक बार इसे करके जरूर देखें।

यह तीन तरीका आप अपना सकते हैं। इसमें कोई विशेष पढ़े लिखे लोगों की आवश्यकता नहीं है। 10 साल का बच्चा भी कर सकता है।

मेरे वेबसाइट का नाम स्टेशन गुरुजी हैं। इस पर मैं फ्री में वित्तीय जानकारी शेयर करता रहता हूं। कुछ दिन पहले मैंने Best Electric Vehicle Stocks, Multibagger Stocks, Penny Stocks, P/E Ratio इत्यादि के बारे में जानकारी शेयर किया हूं। आप चाहे तो इसे पढ़ सकते हैं।

दोस्तों स्टॉक मार्केट में खतरा भी बहुत सारे होते हैं। इसीलिए निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोच विचार कर ले। किसी से कहने से कहीं भी निवेश ना कर दें।

एक बात और, कर्ज लेकर कभी भी निवेश ना करें। चाहे आप को अपने आप पर कितना भी भरोसा क्यों ना हो। क्योंकि अगर आपको नुकसान हुआ तो आप ज्यादा मुसीबत में पड़ सकते हैं।

मन में और कोई सवाल हो तो हमें जरूर ईमेल करें। हम सही जानकारी देने का प्रयास करेंगे। [email protected]

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे Intraday Trading Details Hindi

Best stocks for 2022 शेयर मार्किट के अन्दर आज बहुत से इन्वेस्टर इन्वेस्ट करते है और इन्वेस्टमेंट करते समय बहुत से सवाल मन में आते है जैसे ; 2022 में शेयरों में निवेश करने की योजना? स्टॉक ट्रेंड से आगे रहना चाहते हैं? 2022 में आपको किन शेयरों में निवेश करना चाहिए? क्या स्टॉक में निवेश करने के लिए 2022 एक अच्छा साल होगा? 2022 में निवेश पर सबसे अच्छा रिटर्न कौन सा स्टॉक होगा? हम 2022 में शेयर बाजार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? आदि

इसलिए सभी शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले बहुत रिसर्च करते है उसके बाद इन्वेस्टमेंट करते है अब 2022 आने वाला इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें है और सभी इन्वेस्टर इसी बात के बारे में सोच रहे की कौन से स्टॉक में पैसे लगाये कौन सा ऊपर जायेगा या फिर किस प्रकार से शेयर मार्किट से पैसा कमाया जाये तो इस आर्टिकल में हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग जो शेयर मार्किट से अच्छे पैसे कमाने का तरीका है उसके बारे में विस्तार से बतायेंगे |

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है Intraday Trading Details Hindi

What Is Intraday Trading :- इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब है कि आप एक ही ट्रेडिंग दिन पर स्टॉक खरीदते और बेचते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है। शेयर की कीमतों में पूरे दिन उतार-चढ़ाव होता रहता है और इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें इंट्राडे ट्रेडर एक ही ट्रेडिंग दिन के दौरान शेयर खरीद और बेचकर इन मूल्य आंदोलनों से लाभ प्राप्त करने का प्रयास करते हैं

इंट्राडे ट्रेडिंग से तात्पर्य बाजार बंद होने से एक ही दिन पहले शेयरों की खरीद और बिक्री से है यदि आप ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो आपका ब्रोकर आपकी स्थिति को स्क्वायर-ऑफ कर सकता है या इसे डिलीवरी ट्रेड में बदल सकता है इस तरह का व्यापार हमेशा फायदेमंद होता है

इंट्राडे ट्रेडिंग की मूल बातें:

Basics of Intraday Trading:- Day trading से तात्पर्य एक ही दिन में शेयरों की खरीद और बिक्री से है। यह ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किया जाता है मान लीजिए कि कोई व्यक्ति किसी कंपनी के लिए स्टॉक खरीदता है तो उन्हें इस्तेमाल किए गए प्लेटफॉर्म के पोर्टल में विशेष रूप से ‘इंट्राडे’ का उल्लेख करना होगा। यह उपयोगकर्ता को बाजार बंद होने से पहले उसी दिन एक ही कंपनी के शेयरों की समान संख्या को खरीदने और बेचने में सक्षम बनाता है। उद्देश्य बाजार सूचकांकों की गति के माध्यम से लाभ अर्जित करना है। इसे कई लोग डे ट्रेडिंग भी कहते हैं

अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो शेयर बाजार आपको अच्छा रिटर्न देता है। लेकिन Short Term में भी, वे आपको मुनाफा कमाने में मदद कर सकते हैं मान लीजिए कोई शेयर सुबह 500 रुपये पर ट्रेड खोलता है। जल्द ही, यह रुपये तक चढ़ जाता है। एक या दो घंटे के भीतर 550। यदि आपने सुबह 1,000 स्टॉक खरीदे और 550 रुपये में बेचे तो आपको 50,000 रुपये का अच्छा लाभ हुआ होगा – सब कुछ कुछ ही घंटों में इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग- विशेषताएं

Intraday Trading- Features :- ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर, आपको यह specify करना होगा कि कोई ऑर्डर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए specific है या नहीं। उस स्थिति में, आप स्टॉक पर एक पोजीशन लेते हैं और उसी दिन ट्रेडिंग घंटों के भीतर इसे बंद कर देते हैं। यदि आप इसे स्वयं बंद नहीं करते हैं, तो बाजार बंद होने की कीमत पर पोजीशन अपने आप चुकता हो जाती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में आपके द्वारा खरीदे और बेचे जाने वाले शेयरों का स्वामित्व आपको नहीं मिलता है। इंट्राडे ट्रेडिंग का लक्ष्य शेयरों का मालिक होना नहीं है, बल्कि दिन के दौरान कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाकर मुनाफा कमाना है।

Leverage: Leverage का अर्थ है निवेश पर संभावित रिटर्न को बढ़ाने के उद्देश्य से, अपनी Purchasing Power को बढ़ाने के लिए अपने ब्रोकर से पैसे उधार लेना। ओपन पोजीशन के एक Share का भुगतान करते हुए बड़ा एक्सपोजर लेने के लिए आप इंट्राडे ट्रेडिंग में लीवरेज का लाभ उठा सकते हैं। लीवरेजिंग से जुड़े नियम और शर्तें हैं जिनका लाभ उठाने के लिए आपको अपने ब्रोकर से परिचित होना चाहिए।

Leverage :- Leverage का अर्थ है निवेश पर संभावित रिटर्न को बढ़ाने के उद्देश्य से, अपनी Purchasing Power को बढ़ाने के लिए अपने ब्रोकर से पैसे उधार लेना। ओपन पोजीशन के एक Share का भुगतान करते हुए बड़ा एक्सपोजर लेने के लिए आप इंट्राडे ट्रेडिंग में लीवरेज का लाभ उठा सकते हैं। लीवरेजिंग से जुड़े नियम और शर्तें हैं जिनका लाभ उठाने के लिए आपको अपने ब्रोकर से परिचित होना चाहिए।

• ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर, आपको यह निर्दिष्ट करना होगा कि कोई ऑर्डर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए specify है या नहीं।
• आप स्टॉक पर एक पोजीशन लेते हैं और उसी दिन ट्रेडिंग घंटों के भीतर इसे बंद कर देते हैं।
• यदि आप इसे स्वयं बंद नहीं करते हैं, तो बाजार बंद होने वाले मूल्य पर पोजीशन स्वतः चुकता हो जाती है।
• इंट्राडे ट्रेडिंग का लक्ष्य शेयरों का मालिक होना नहीं है, बल्कि दिन के दौरान कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाकर मुनाफा कमाना है।

इंट्राडे ट्रेडिंग VS डिलीवरी ट्रेडिंग Intraday Trading Details Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग के विपरीत, यदि आप एक शेयर खरीदते हैं, लेकिन उसी ट्रेडिंग दिन पर उसे नहीं बेचते हैं, तो इसे डिलीवरी ट्रेडिंग कहा जाता है। डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपके द्वारा खरीदे गए स्टॉक को आपके डीमैट खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है। आप इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें इसे बेचने से पहले जितनी देर चाहें, दिनों, महीनों या सालों तक अपने पास रखते हैं।

आपके पास इन शेयरों का स्वामित्व बना रहेगा। डिलीवरी ट्रेडिंग में, निवेशक दिन के भीतर कीमतों में उतार-चढ़ाव के बजाय मुनाफा बुक करने के लिए शेयरों के long-term price movement पर विचार करते हैं।

Intrading trading rules क्या है

Share trading का टाइम 9:15 am से 3:30 pm तक होता है. आपके द्वारा ख़रीदे हुए शेयर आपको उस दिन 3:30 pm तक बेचने होते है.
अगर आप उन को किसी वजह से न बेच पाए तो वो delivery product बन जाते है.
मतलब की आपको उन शेयर के पैसे देकर अपने demat account में रखने होते है.
आप अगले 2-3 दिन बाद उन शेयर को दुबारा बेच सकते है.

इंट्राडे ट्रेडिंग अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: Intraday Trading Details Hindi

Q.1 डे ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

Ans. डे ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग अलग-अलग शब्द हैं लेकिन इनका एक ही अर्थ है। स्टॉक एक्सचेंज में एक ही दिन में शेयरों की खरीद-बिक्री इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाती है। जैसा कि खरीद और बिक्री एक ही दिन होती है, इसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है।
शेयर की कीमतें एक दिन में ऊपर और नीचे चलती रहती हैं, व्यापारी शेयर की कीमत की गति से लाभ कमाता है। शेयर डीमैट खाते में जमा नहीं होते हैं।

Q.2 इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें?

Ans. एक ट्रेडर को ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में इंट्राडे ट्रेडिंग विकल्प का चयन करना होगा। यह एक विकल्प के रूप में डिफ़ॉल्ट रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन एक आवेदन पत्र भरकर इसे शुरू करने की आवश्यकता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग से अलग होते हैं। Intraday Trading Details Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग के मामले में, यदि कोई ट्रेडर स्टॉक मार्केट में पोजीशन लेता है, तो उसे उसी कार्य दिवस के ट्रेडिंग घंटों के भीतर डील को बंद करना होगा। यदि ट्रेडर द्वारा पोजीशन को बंद नहीं किया जाता है, तो स्टॉक अपने आप क्लोजिंग प्राइस पर चुकता हो जाएगा।

Q.3 इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

Ans. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए, ट्रेडर को संबंधित डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) या स्टॉकब्रोकर के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में इंट्राडे ट्रेडिंग विकल्प का चयन करना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडर शेयर बाजार में एक पोजीशन लेता है और एक बार विशिष्ट इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें शेयर की कीमत के अनुकूल होने के बाद, वह सौदे को बंद कर देगा। यदि दिन के दौरान ली गई पोजीशन को ट्रेडर द्वारा बंद नहीं किया जाता है, तो यह स्वचालित रूप से क्लोजिंग मार्केट रेट पर रिवर्स पोजीशन लेती है। दिन के अंत में ट्रेडर के पास शेयर नहीं होते हैं क्योंकि ट्रेडर का इरादा कीमत के उतार-चढ़ाव के आधार पर प्रॉफिट बुक करना होता है।

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कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकसद पैसा कमाना ही होता है, लेकिन इनमें समय अवधि का अंतर होता है. निवेश का संबंध जहां कई वर्षों से है, वहीं ट्रेडिंग में कुछ मिनटों से लेकर कुछ साल तक के लिए पॉजिशन रखा जाता है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST

नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.

सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.

ये भी पढ़ें- LIC के शेयर में गिरावट से सरकार चिंतित, DIPAM सचिव बोले- अस्थायी है गिरावट

इंट्राडे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.

पॉजिशनल ट्रेडिंग

पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अ​वधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

टेक्निकल ट्रेडिंग

टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.

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स्टॉक मार्केट में Out of the Money ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें ?

दूर के ऑप्शन्स (Out Of The Money Options)

दूर का ऑप्शन, जी हाँ दोस्तों, जो की हमेशा एक्ट्रॅक्टिव्ह दिखता है। हमें ललचाता भी है अपने परफॉर्मन्स से! यह हो जाता है 5 रूपये से 50 का 100 का या उससे भी ज्यादा। है ना?

दूर का छोटा ऑप्शन याने की ऐसा ऑप्शन जो अंडरलेयिंग असेट (शेअर,इंडेक्स) के "चालू कीमत से काफी दूर होता है।" यह हम सभी को मालूम है। कीमत के उतार-चढ़ाव से ऑप्शन में हलचल होती है। "तेज और बड़े बदलाव से" ही दूर के ऑप्शन में बड़ी बढ़त या गिरावट आती है। इस पर हमारा एकमत हो सकता है।

और इस पर भी की बड़े मुव्ह किसी बड़े फंडामेंटल या टेक्निकल के कारण ही आतें है। इसलिए स्ट्रॉन्ग फंडामेंटल न्यूज़ या टेक्निकल सेट अप को बनते हुए देखकर ही Out Of The Money ऑप्शन्स में B.T.S.T. का ट्रेड लिया जाता है।

दूर का कॉल ऑप्शन ( Out Of The Money Call Option)

उदाहरण

1 ) कंपनी के शेअर की कीमत Rs. 500 है। ऑप्शन के लिए स्ट्राइक प्राइस 5 रूपये के फर्क से है। तो Rs. 500 से ज्यादा की स्ट्राइक प्राइसेस जैसे की 505, 510, 515, . कॉल ऑप्शन आउट ऑफ़ द मनी कहलातीं है। यहाँ दूर का छोटा कॉल ऑप्शन Rs. 550 स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।

2 ) बॅंक निफ़्टी अगर 36,000 पर है तो 36,100, 36,200, 36,300, . यह कीमतें कॉल ऑप्शन के लिए आउट ऑफ़ मनी कहलातीं है। इसमें दूर का छोटा कॉल ऑप्शन 37,000 के स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।

दूर का पुट ऑप्शन ( Out Of The Money Put Option)

उदाहरण

1 ) कंपनी के शेअर की कीमत Rs. 500 है। Rs. 500 से कम की स्ट्राइक इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें प्राइसेस जैसे की 495, 490, 485, . यह आउट ऑफ़ द मनी पुट ऑप्शन कहलातीं है। यहाँ दूर का छोटा पुट ऑप्शन Rs. 450 स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।

2 ) बॅंक निफ़्टी अगर 36,000 पर है तो 35,900, 35,800, 35,700, . यह कीमतें पुट ऑप्शन के लिए आउट ऑफ़ मनी होतीं है। इसमें दूर का छोटा पुट ऑप्शन 35,000 तक के स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।

सुचना

स्टॉक मार्केट इंडेक्स का दूर का ऑप्शन

अब आतें है स्टॉक मार्केट में। और अपना अकाउंट खोलकर उसमें थोडासा पैसा डालतें है। और अपने अकाउंट पर "F&O Trading की सुविधा" चालू करतें है। हमने यह किया है तो चलिये आगे बढ़ते है। फंडामेंटल एनालिसिस अच्छे से करके हम आसानी से इंडेक्स के दूर के छोटे ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करके बड़ा मुनाफा कमा सकतें है।

1 ) इंडेक्स जैसे की "निफ़्टी, बॅंक निफ़्टी" इनमें दूर के ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करना अच्छा होता है। इसमें आवश्यक " व्होल्युम होता है।" इंडेक्स के ऑप्शन्स में बायिंग, सेलिंग आसानी से कर सकतें है।

2 ) इंडेक्स के ऑप्शन्स का लॉट साइज छोटा है। जैसे की निफ़्टी का एक लॉट 50 और बॅंक निफ़्टी का तो सिर्फ 25 क्वान्टिटी का एक लॉट आता है। कम कॅपिटल में हम "ज्यादा लॉट लें सकतें है।" एवरेज कर सकतें है। और थोड़ा-थोड़ा बेच सकतें है।

3 ) इंडेक्स के ऑप्शन्स में बहुत बड़े मात्रा में ट्रेडिंग होती है। इस लिए "कोई व्यक्तिगत मनमानी नहीं कर सकता।" कोई तय करके अपने हिसाब से भाव बढ़ा या गिरा नहीं सकता।

कंपनी के शेअर का दूर का छोटा ऑप्शन

1 ) कंपनी का शेअर "F&O लिस्ट में होना आवश्यक है।" हमें इसपर ध्यान देना चाहिये की जिन शेअर्स के दूर वाले ऑप्शन्स में व्होल्युम नहीं है। उन में ट्रेडिंग करने से हमें बचना चाहिये।

2 ) कंपनी से जुड़ा कोई "विशेष कारण होना चाहिये" जैसे की न्यूज़। न्यूज़ अच्छी हो या बुरी, उसका हमें शीघ्र पता लगाके दूर का ऑप्शन लेना होता है। अच्छी खबर के चलते कॉल लेना है। बुरी खबर हो तो पुट ऑप्शन लेना चाहिये। इस तरह की सारी न्यूज़ हम इन्व्हेस्टिंग इंडिया पर पढ़ सकतें है।

3 ) "ओपन इंटरेस्ट और चेंज इन ओपन इंटरेस्ट" को हम N.S.E.India पर कंपनी का नाम सर्च करके, डेरीव्हेटिव्हज में, ऑप्शन चेन में देख सकतें है। उनका जिक्र Change IN OI और OI ऐसा किया गया है।

4 ) टेक्निकल एनालिसिस का महत्व ध्यान में लेतें हुए ट्रेड के लिए टेक्निकली राइट एन्ट्री पॉइन्ट तय करना है। टेक्निकल एनालिसिस शेअर के चार्ट का करना होता है। सपोर्ट,रेजिस्टन्स और ट्रेन्ड लाइन तो शेअर के चार्ट पर ही लगानी है। दूर के छोटे ऑप्शन का चार्ट "मुव्ह की तुलना करने के लिये" देखा जा सकता है।

D ) "दोन स्टॉप लॉस की कीमतों में जो छोटी है, वह स्टॉप लॉस चुनें।" और जाहिर सी बात है की इससे लॉस कम होगा।

स्मॉल ऑप्शन स्टॉक्स इन इंडिया

लॉट साइज के बड़े होने से एकदम छोटा ऑप्शन लेने जायें तो भी बहुत कॅपिटल की जरूरत होती है। हमें ट्रेडिंग करने के लिए कम क्वांटिटी वाला अच्छा शेअर चुनना होता है। "जिस शेअर का प्राइस ज्यादा है उसका लॉट साइज कम होता है।" समय-समय पर लॉट साइज में बदलाव होतें रहतें है।

छोटे ऑप्शन का स्टडी

इसमें क्या-क्या स्टडी करना है। कौन-कौन से टॉपिक समज़ने है। यह समझ लें तो बहुत आसान है। तो आइये मिलकर शुरू करतें है।

1 ) पहला कदम यह है की Stock Market क्या है यह प्राथमिक जानकारी लेना। यह हमें मालूम है तो आगे बढ़ते है।

2 ) फिर हमें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के बारें में जानना है। इससे हमें ऑप्शन्स ट्रेडिंग करते वक्त आसानी होतीं है। लगातार बनते चार्ट पर सही तरीके से "टेक्निकल सेट-अप" लगाना फायदेमंद होता है।

3 ) चार्ट्स के अलग अलग प्रकार होतें है। इनका स्टडी करके अपने हिसाब से चार्ट सिलेक्ट करना है। ज्यादातर ट्रेडर्स "कॅंडल स्टिक चार्ट" का इस्तेमाल करतें है। शेअर के चार्ट में व्होलॅटिलिटी कम होनी चाहिये। शेअर में रिव्हर्सल में ट्रेड लेना और नयी पोजीशन के लिये ट्रेड लेना मुमकिन होना चाहिये। याने की जिन चार्ट पर एक तरफा के अच्छे मुव्ह दिखतें है। उनमें छोटा ऑप्शन ट्रेड लें सकतें है।

4 ) चार्ट सिलेक्ट करने के बाद चार्ट पर "सपोर्ट, रेजिस्टेन्स और ट्रेन्ड लाइन" का इस्तेमाल करना, सीखना चाहिये। हमें यह सही से करना आता है। तो अब यहाँ से आगे बढ़ते है।

5 ) कंपनी के शेअर का छोटा ऑप्शन लेने के लिये उस "कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस" करना चाहिये। ताकि उभरते हुए ट्रेन्ड के साथ तालमेल बनाके काम किया जाये।

इन बातों का स्टडी करके हम आत्मविश्वास के साथ छोटा ऑप्शन लें सकतें है। मन में सवाल यह उठेगा की थोड़ा पैसा ही तो लगाना है इसके लिये इतना स्टडी क्यों करना है। जवाब में कहते है की स्टडी, "थोड़ा पैसा लगाने के लिये और बड़ा पैसा कमाने के लिये करना है।" यह स्टडी करके हम छोटा ही क्या बड़े से बड़ा ऑप्शन लें सकेंगे। है की नहीं? और मुझे पूरी उम्मीद है की हम मिलकर यह कर सकतें है। कुछ डिफिकल्टी आये तो कमेंट में लिखना। अभी पूरा नहीं हुआ है। आगे हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है। तो चलिये आगे बढ़ते है।

छोटे ऑप्शन्स ट्रेडिंग की स्टाइल

स्टाइल याने की "काम करने का तरीका।" अपनी चाहत के अनुसार हम शेअर या इंडेक्स का चुनाव करतें है। उसके बारें में सारा स्टडी करतें है। और अपनी एक खास स्टाइल बनातें है। यहाँ पर एक स्टाइल दी गयी है। जिसके जरिए हम, फियर और ग्रीड को कंट्रोल करके ट्रेडिंग कर सकतें है।

शेयर बाजार की तेजी में ये गलतियां पड़ती हैं आम निवेशकों को भारी, जानिए बाजार में कैसे रखें कदम

शेयर बाजार में लगातार रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। बाजार से मिल रही कमाई की खबरों से आकर्षित होकर कई बार आम निवेशक बिना सोचे समझे निवेश करता है, जिससे किसी तेज गिरावट में उसे काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, जानिए वो कौन सी गलतियां है जो आम निवेशक बाजार में करते हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 05, 2021 17:31 IST

शेयर बाजार में कैसे. - India TV Hindi News

Photo:GOOGLE

शेयर बाजार में कैसे करें निवेश

नई दिल्ली। शेयर बाजार में फिलहाल रिकॉर्ड दौड़ देखने को मिल रही है और आम धारणा के मुताबिक बाजार में इस वक्त जमकर कमाई हो रही है। ऐसे में आप भी चाहते होंगे कि इस कमाई का कुछ हिस्सा आपकी जेब में भी आए। ये काम असंभव बिल्कुल नहीं है, हालांकि इतना आसान भी नहीं है जितना लगता है। दरअसल बाजार में कमाई से कई गुना आसान है बाजार में पैसा गंवाना और इस समय भी कई आम निवेशकों का पैसा डूब रहा होगा। आज हम बताते हैं कि कैसे एक आम निवेशक बाजार में अपना पैसा गंवाने से बच सकता है। अगर आप बाजार में बड़े नुकसान से बचना सीख गए तो संभव है आप आने वाले समय में कमाई करना भी सीख जाएंगे।

क्यों रिकॉर्ड ऊंचाई पर निवेश का फैसला हमेशा सही नहीं

बाजार के जानकार मानते हैं कि रिटेल निवेशक ऊंचाई पर पहुंचे स्टॉक्स से दूरी बनाए रखें और उसे ट्रेडर्स के लिए छोड़ दें, भले ही चार्ट पर उनका रिटर्न कितना शानदार क्यों न दिख रहा हो। निवेश गुरू वॉरेन बफे की माने तो वो शेयर तब खऱीदते हैं जब दुनिया बेच रही हो और वो शेयर तब बेचते हैं जब दुनिया खरीद रही हो। इसका मतलब है कि जब बाजार ऊंचाई पर पहुंचता है तो मुनाफावसूली की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। ऐसे समय पर आपका बाजार में निवेश घाटे का सौदा हो सकता है। हां अगर फिर भी आप निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो किसी एक्सपर्ट से बात करें और साफ करें कि आप किस अवधि तक अपना पैसा बाजार में छोड़ना चाहते हैं।

आम निवेशकों के लिए क्यों ट्रेडिंग में है ज्यादा जोखिम

जानकारों की माने तो खुदरा निवेशकों के नुकसान की एक सबसे बड़ी वजह है कि खुदरा निवेशक इंट्रा डे यानि एक दिन के कारोबार में दिखे रिटर्न के आधार पर बाजार में निवेश करते हैं। बाजार में जब तेजड़िए हावी हों तो रिटर्न के आंकड़े और आकर्षक हो जाते हैं। हालांकि इंट्रा डे कारोबार के लिए न केवल आपको बाजार की सामान्य से ज्यादा जानकारी चाहिए, साथ ही बाजार पर पूरे कारोबार के दौरान गंभीरता से नजर भी रखनी होती है। आप मौका चूके तो महज कुछ मिनटों में आप तेज मुनाफे से तेज घाटे में पहुंच सकते हैं। अगर आप बाजार के खिलाड़ी नहीं हैं और बाजार में कमाई करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप बाजार को कुछ समय दें, साथ ही शेयरों का चुनाव मध्यम से लंबी अवधि के निवेश के आधार पर करें। इसके साथ ही बाजार को लेकर समझ विकसित करें इससे आने वाले समय में आप इंट्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बेहतर फैसला कर सकेंगे।

आम निवेशकों के लिए पेनी स्टॉक्स क्यों हैं खतरनाक

रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे बाजार में रिटेल निवेशक सबसे ज्यादा नुकसान पेनी स्टॉक्स में उठाते हैं। दरअसल तेजी के दौरान इनका प्रदर्शन पूरे बाजार में सबसे शानदार दिखाई देता है। कई बार ऐसे स्टॉक एक हफ्ते में दोगुना या तीन गुना तक बढ़ जाते हैं। ऐसे में रिटेल निवेशक कम निवेश पर तेज मुनाफे की सोच कर इन स्टॉक्स में निवेश करते हैं। हालांकि पेनी स्टॉक्स में बढ़त के कई कारण होते हैं, जिसमें बाजार में मौजूद सीमित शेयर, छोटे सौदों का भी बड़ा असर और कई बार जानबूझकर पैदा किया गया उछाल शामिल होता है। ध्यान रखें की कोई स्टॉक पेनी स्टॉक (अपनी फेस वैल्यू से भी नीचे) कैटेगरी में तब ही आता है जब उस कंपनी की अपनी स्थिति काफी मुश्किलों में आ जाती है। ऐसे में कृपया बेहद छोटी कीमत के स्टॉक्स से रिटेल निवेशक अपनी दूरी बनाए रखें।

अनजानी निवेश सलाहों को क्यों करे नजरअंदाज

जो लोग कभी न कभी स्टॉक मार्केट में ट्रेड कर चुके होतें हैं उनके पास अक्सर ऊंचे रिटर्न की सलाह देने वाला एसएमएस या फिर किसी अनजाने ब्रोकर की तरफ से निवेश की सलाह आती है। कई बार लोग न केवल इसपर खुद अमल करते हैं साथ ही अपने करीबियों को भी इसकी सलाह देते हैं। बाजार जब दौड़ लगा रहा होता है तो हो सकता है कि छोटी अवधि में ऐसी सलाहें काम कर जाएं। हालांकि अक्सर ऐसी सलाहें लोगों की बड़ी रकम डूबने की वजह बनती है। दरअसल ऐसी अनजान सलाहें किसी धोखाधड़ी का हिस्सा हो सकती हैं, जिसका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को उस शेयर की खरीद में शामिल कर कीमतों को बढ़ाना होता है। अगर आप वास्तव में बाजार से कमाना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि ऐसे एक्सपर्ट से सलाह लें जो बाजार में पहले से स्थापित हो, इसके साथ ही अपने स्तर पर भी बाजार को समझने की कोशिश करें

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