शेयर ट्रेडिंग

शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है?

शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है?

Share Market: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले जानिए ये 3 बाते ! राकेट की स्पीड से करे निवेश !

शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता है शेयर बाजार वह बाजार है जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिस तरह किसी भी व्यक्ति को अपना जीवन यापन करने के लिए रोटी कपड़ा मकान आदि जरूरी होते हैं वैसे ही देश के उद्योगों के विकास के लिए शेयर बाजार बहुत जरूरी है उद्योग धंधों को चलाने के लिए कैपिटल चाहिए होता है उन्हें ये शेयर बाजार से मिलता है

शेयर बाजार के माध्यम से हर आम आदमी बड़े से बड़ा उद्योग मैं अपनी भागीदारी प्रदान कर सकता है इस तरह वह बड़े उद्योग में होने वाले मुनाफे में बराबर का हिस्सेदार बन सकता है मान लीजिए कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल और सीएनजी व्हीकल की और जमाना ज्यादा बड़ रहा है तो इन से संबंधित कंपनियों के शेयर खरीद कर रखने से आगे जाकर आपको बहुत मुनाफा देंगे और ऐसा करने से के लिए तो व्यवस्था चाहिए वह शेयर बाजार प्रदान करता है

जानिए शेयर बाजार कैसे काम करता है

शेयर बाजार काम एक सब्जी मंडी की तरह करता है शेयर बाजार में डिमांड एंड सप्लाई चलती है अगर इसके अंदर किसी चीज की बहुत ज्यादा डिमांड है तो रेट बड़ जायेगा लेकिन कोई ऐसी सब्जी है जिसकी डिमांड कम है लेकिन सप्लाई बहुत ज्यादा आ गई है तो उस सब्जी के रेट घट जाएंगे ।

शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियों के शेयर खरीदे भेजे जाते हैं किसी भी अन्य बाजार की तरह शेयर बाजार में खरीदने और बेचने वाले एक दूसरे से मिलते हैं और मोलभाव करके शादी पक्की करते हैं और हां से कुछ समय पहले शेरों की खरीद बिक्री मौके गोलियों से होती थी और खरीदने बेचने वाले मुंह जवानी ही सौदा किया करते थे लेकिन आज के समय में सहारा लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े ऑनलाइन कंप्यूटरों के जरिए होता है ऑनलाइन इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है और आज के समय में शेयर खरीदने बेचने वाले सामने नहीं आ पाते

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इस प्रकार समझ लो की एक तरीके से देखा जाए तो यहां शेयरों की नीलामी होती है अगर किसी को शेयर बेचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को यह शेयर बेच दिया जाता है या कोई शेयर खरीदना चाहता है तो बेचने वालों में से जो सबसे कम कीमत पर तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जाता है

शेयर बाजार से जुडी मुख्या जानकारियाँ

एनएससी (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा बीएसई (BSE) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यहीं पर जाकर आप ट्रेडिंग करते हैं यहीं से आपको पता चलता है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज निफ़्टी फिफ्टी (NIFTY50) मैं आता है जिसमें शेयर बाजार की सारी कंपनियों का समावेश होता है उसी से पता चलता है कि सारी कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं या हल्का परफॉर्म कर रही है

जानिए Nifty क्या होता है?

Nifty एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (National stock exchange fifty) मार्केट है यह दो शब्दों से मिलकर बनी है उसको nifty50 भी कहा जाता है लेकिन आमतौर पर लोग से Nifty के नाम से ही जानते हैं और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (National stock exchange of India) का एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क होता है यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मैं लिस्टेड 50 प्रमुख शेयर का सूचकांक होता है यह देश की 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? है और इसमें सिर्फ वही 50 कंपनी के शेयरों को देखा जा सकता है जोकि लिस्टेड है यह उन कंपनियों के शेयर्स जोकि लिस्टेड है उनके भाव में होने वाली तेज या मदी का भी ध्यान रखता है और उनकी सूचना प्रदान करता है।

Nifty 50 भारत का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण (Stock Index) स्टॉक इंडेक्स है या सरल भाषा में कहे तो निफ़्टी (Nifty) एक तरह स्टॉक इंडेक्स है जो 50 प्रमुख कंपनियों के स्टॉक को इंडेक्स करे हुए होता है निफ्टी में 50 से ज्यादा कंपनियों के स्टॉक लिस्ट नहीं किए जा सकते

जानिए सेंसेक्स (Sensex) क्या है?

आप लोगों ने अक्सर टीवी या न्यूज़पेपर सेंसेक्स के बारे में पढ़ा या देखा हुआ और आपने देखा होगा की सेंसेक्स आज इतने अंक ऊपर चला गया तो कभी आपने सुना हुआ किसान से कितने अंक नीचे गिर गया।

जब भी आप शेयर मार्केट में निवेश करें तो सेंसेक्स के बारे में अच्छे से जानकारी कर ले सेंसेक्स भी एक तरह से निफ्टी की तरह ही काम करता है पर निफ़्टी की तुलना में सन सेक्स में मात्र 30 कंपनियों सूचीबद्ध होती है जहां निफ्टी को Nifty50 भी का जाता है

सेंसेक्स हमारे भारतीय स्टॉक मार्केट का बेंचमार्क इंडेक्स हैं, जोकि BSE (मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) मैं सूचीबद्ध शेयर्स के भाव में होने वाली तेजी और मंदी को बताता है और इसी के जरिए हम इसमें सूचीबद्ध 30 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन की जानकारी हासिल करते हैं सन सेक्स की बात करे तो यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स है जिसकी शुरुआत 1986 में हुई

PE (Price earning ratio) क्या है?

PE का मतलब (price earning ratio) प्राइस अर्निंग रेशों है प्राइस अर्निंग रेशों से आपको कंपनी के शेयर के बारे में पता चलेगा और जिसको कंपनी के प्राइस अर्निंग रेशों नहीं पता होंगे वह शेयर बाजार में तरक्की (Growth) नहीं कर पाएगा अगर आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? में जितना अच्छे से मालूम होगा आप शेयर बाजार में उतना अच्छा मुनाफा निकाल पाओग। और आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में बिल्कुल ज्ञान नहीं है तो वह आप बहुत बड़ा लॉस खा सकते हो इसलिए आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में बहुत अच्छी जानकारी होनी चाहिए Nifty नीचे है तो इन्वेस्ट कीजिए और निफ्टी ऊपर है तो डिबेस्ड कीजिए

PE (price earning ratio) कम था तब मुनाफा

YearPEReturn (Per Year)
199812100%
200311116%
200610130%

PE (price earning ratio) ज्यादा था तब नुकसान

YearPEReturn (Per Year)
Jan 200828-64%
Feb 200828-53%

शेयर बाजार को दो वर्गों में बांटा जाता है पहला प्राइमरी दूसरा सेकेंडरी

प्राइमरी मार्केट में कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार सूचीबद्ध होती है और अपने शहर जारी करती है कंपनियां IPO आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) के जरिए अपने शेयर पहली बार शेयर बाजार में इशु करती है और बाजार में पूंजी जुटाने का प्रयास करती है।

सेकेंडरी मार्केट को एक्शन मार्केट भी कहते हैं यह एक रेगुलर मार्केट है जहां पर कंपनियों के शेयर्स की ट्रेडिंग रेगुलर बुकिंग पर होती है निवेशक शेयर ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में अपने ट्रेडिंग ऑर्डर्स पूरा करते हैं

Disclaimer

शेयर मार्किट में अपनी रिस्क निवेश करे हम SEBI द्वारा रजिस्टर्ड फाइनेंसियल एडवाइजर नहीं है इसलिए शेयर मार्किट में निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरूर ले

How to invest in shares

Zerodha

अगर आपके मन मे भी How to invest in shares या स्टॉक कैसे Trade होते है , इस से सम्बंधित कुछ इस तरह के सवाल है, तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिये,
क्योंकि मैं आज आपसे इसी के बारे में बात करने वाला शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? हु,

शेयर खरीदने या शेयर में निवेश के विकल्प –

शेयर खरीदने के हमारे पास दो विकल्प होते है-Two method of How to invest in share

PRIMARY MARKET जिसे हम IPO भी कहते है, IPO से शेयर खरीदने के लिए हमें डायरेक्टली कंपनी के पास अपने स्टॉक ब्रोकर या बैंक के माध्यम से कंपनी के स्टॉक खरीदने का एप्लीकेशन देना होता है, जिसे आईपीओ के लिए APPLY करना कहते है,

IPO में APPLY किये गए शेयर अगर कंपनी द्वारा मंजूर कर लिए जाते है, तो कंपनी हमारे DEMAT ACCOUNT में वो शेयर CREDIT कर देती है,और उन शेयर में हमारा निवेश हो जाता है, जब तक कि हम उन शेयर्स को किसी और का न बेचे .

स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध शेयर में निवेश के लिए हमें स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदने होते है, स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदने के लिए हमें अपने ब्रोकर को शेयर खरीदने का आर्डर देना होता है,

आइये इसको एक EXAMPLE से समझते है –

मान लीजिए किशोर ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के शेयर में निवेश करना चाहता है – तो उसे क्या करना होगा ?

निवेशक का काम –

  1. सबसे पहले किशोर जो की एक निवेशक है, उस के पास DEMAT ACCOUNT और TRADING ACCOUNT होना चाहिए,
  2. किशोर को अपने स्टॉक ब्रोकर द्वारा दिए गए ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ट्रेडिंग टर्मिनल,मोबाइल एप्प,वेब ब्राउज़र) में अपने ट्रेडिंग अकाउंट के USER ID और PASSWORD के द्वारा LOG IN करना होगा,
  3. TRADING TERMINAL में किशोर को STATE BANK OF INDIA के SHARE खरीदने के लिए EQUITY सेक्शन में SEARCH करके उसे सेलेक्ट करना होगा,
  4. फिर किशोर को SBI SHARES BUY का आप्शन सेलेक्ट करके BUY ORDER देना होगा,

BUY ORDER देते समय कुछ DETAILS और देने होते है, जैसे – आप कितना शेयर खरीदना चाहते है – शेयर की संख्या, आप किस PRICE पर शेयर खरीदना चाहते है, किसी निश्चित भाव(LIMIT PRICE) पर खरीदना चाहते है या मार्केट में चल रहे PRICE पर (MARKET PRICE) पर , आप शेयर इंट्रा डे में TRADE करने के लिए लेना चाहते है, या स्टॉक की डिलीवरी अपने DEMAT ACCOUNT में लेना चाहते है,

  1. TRADING TERMINAL में आर्डर का DETAILS भरने के बाद किशोर को शेयर BUY करने का ORDER स्टॉक ब्रोकर को SUBMIT कर देता है,

इसके बाद आता है, स्टॉक BROKER का काम,

  1. स्टॉक ब्रोकर सबसे पहले ये चेक करता है, की आपने जो शेयर खरीदने का आर्डर उसे दिया है, क्या उतना FUND आपके ACCOUNT में है या नहीं?
  2. अगर किशोर के अकाउंट में जितने शेयर वो खरीदना चाहता है,अगर उतना FUND उसके अकाउंट में है, तो उसके आर्डर को VALID ORDER मानते हुए, स्टॉक ब्रोकर उसे आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज के पास भेज देता है,

मान लीजिये किशोर 300 रूपये के भाव से SBI का 100 शेयर खरीदना चाहता है, तो इसके लिए उसके खाते में 300 X 100 = 30,000 रूपये के साथ साथ ब्रोकरेज और टैक्स का खर्चे के बराबर रकम होनी चाहिए, अगर अकाउंट में पर्याप्त FUND है तो किशोर का आर्डर स्टॉक ब्रोकर द्वारा स्टॉक एक्सचेंज को भेज दिया जायेगा,

इसके बाद आता है, STOCK EXCHANGE का काम,

  • जैसे ही कोई आर्डर स्टॉक EXCHANGE के पास आता है, स्टॉक एक्सचेंज के बड़े COMPUTER SERVER और ALGORITHM से SBI के 100 शेयर 300 रूपये से BUY करने के आर्डर को 300 रूपये पर बिकने के लिए आये आर्डर से मैच करके इस आर्डर को कम्पलीट कर दिया जाता है, और इसका कन्फर्मेशन स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से शेयर खरीदने वाले शेयर खरीद लिए जाने का कन्फर्मेशन दे दिया जाता है,
  • यहाँ एक चीज ध्यान देने वाली है कि स्टॉक एक्सचेंज पर किशोर के SBI के 100 शेयर के आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज में 100 शेयर बेचने वाले के आर्डर से ही मैच किया जाये, ये बिलकुल जरुरी नहीं,

शेयर खरीदने वाला एक आदमी हो सकता है, लेकिन बेचने वाला कोई एक भी हो सकता है, या कई अलग अलग लोग भी हो सकते है, यानि हो सकता है 10 बेचने वाले लोगो के आर्डर को मिला कर या 100 अलग अलग बेचने वाले लोगो को मिला कर , खरीदने वाले का आर्डर कोम्प्लते किया गया हो.

एक और चीज़ ध्यान देने वाली ये है कि खरीदने वाले का आर्डर पूरा होने के लिए मार्केट में वो शेयर बेचने वाले होने चाहिए, और खरीदने के लिए आर्डर कम्पलीट होने का समय इस बात पर DEPEND करंता है कि उस वक्त बेचने वाले कितने लोग है,

  1. शेयर खरीदने का आर्डर कम्पलीट होने के बाद एक आखिरी STEP होता है, क्लीयरिंग और सेटलमेंट, जिसके द्वारा शेयर बेचने वाले के अकाउंट से शेयर डेबिट करके खरीदने वाले के अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है, और इसके लिए लगते है, T+ 2 दिन, T यानि TRANSACTION का दिन और उसके अगले दो कामकाजी दिन,

यानि अगर आप सोमवार को कोई शेयर DELIVERY पर खरीदते है, तो आपको उस शेयर की डिलीवरी , सोमवार +2 दिन यानि बुधवार शाम तक आपके DEMAT ACCOUNT में शेयर क्रेडिट हो जाते है,

एक और चीज़ ध्यान दे कि इंट्रा डे में किसी तरह की कोई डिलीवरी नहीं होती है, यानि आपके DEMAT ACCOUNT में CREDIT हुए बिना ही आपको इंट्रा डे में जो शेयर खरीदते है, उसे आपको मार्केट बंद होने से पहले बेच देना होता है,

एक चीज ध्यान देने वाली है कि शेयर खरीदने का आर्डर देना और उस आर्डर का कम्पलीट होना, आज बहुत ही फ़ास्ट हो चूका है, या सिर्फ कुछ सेकंड या कभी कभी सेकंड से भी कम समय में आपका आर्डर कम्पलीट हो जाता है,

How to invest in shares – SUMMARY

अगर हम अपनी बात को SUMMARIZE करे तो, और अगर बात करे How to invest in shares , अगर आप शेयर में निवेश करना चाहते है, यानि आप शेयर खरीदने के बाद आप अपने DEMAT ACCOUNT में लम्बे समय के लिए HOLD करना चाहते है, तो आपको शेयर DELIVERY पर खरीदना होगा , और

डिलीवरी पर शेयर खरीदने के लिए अप्पको अपने Demat और Trading Account की मदद से आसानी से ट्रेडर द्वारा दिए गए ट्रेडिंग प्लेटफार्म, यानी मोबाइल एप्लीकेशन, PC सॉफ्टवेयर, या वेब ब्राउज़र में लाग इन करके, आप शेयर खरीदने या बेचने का आर्डर दे सकते है,

और जैसे ही आपका आर्डर कम्पलीट होता है, उसका कन्फर्मेशन मैसेज हमें मिल जाता है, और वो शेयर हमारे T+ 2 DAY में आपके Demat account में क्रेडिट हो जाते है,

आशा करता हु, कि आपको How to invest in shares या शेयर में कैसे निवेश करे इस के बारे में समझने में कुछ हेल्प हुआ होगा,

अगर आर्टिकल अच्छा लगा तो इसे नीचे अपना कमेन्ट करना न भूले,
दोस्तों,आज बस इतना ही, अब मिलते है अगले आर्टिकल में

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

क्या होता है डीमैट खाता

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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

जरूरी शर्तें

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

Share Market Business Kaise Shuru Kare

इंडिया मे “NSE (National Stock Exchange)” और “BSE (Bombay Stock Exchange)” यह दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजेस (Stock Exchanges) है जो की सेबी (सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) द्वारा विनियमित हैं ।

शेयर मार्केट से शेयर्स कैसे खरीदे :

शेयर्स खरीदने के लिए आपके पास ट्रैडिंग अकाउंट और डिमेट अकाउंट होना चाहिए ।

ट्रैडिंग अकाउंट हमे शेयर की खरीद बिक्री के काम आता है और डिमेट अकाउंट उन खरीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए काम आता है ।

जैसे की पैसे रखने के लिए बैंक अकाउंट होता है वैसे ही खरीदे हुए शेयर्स रखने के लिए डिमेट अकाउंट होता है ।

यह दो अकाउंट आप किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास ओपन कर सकते है ।

स्टॉक ब्रोकर मतलब एक तरह से खरीदने और बेचने वाले के बीच का दलाल होता है जो की दोनों को खरीद बिक्री के लिए मदत करता है और उसके बदले कमीशन (Brokerage) लेता है ।

इंडिया के कुछ स्टॉक ब्रोकर्स (Some Stock Brokers in India) –

  • झिरोधा (Zerodha)
  • ग्रो (Groww)
  • ऐन्जल वन (Angel One)
  • उप स्टॉक (Upstox)
शेयर मार्केट के लिए डिमेट और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे ओपन करे :

आपको पहले ब्रोकर डिसाइड करना है की किस ब्रोकर के पास आप अकाउंट खोलना चाहते है ।

उसके बाद उस ब्रोकर का एप डाउनलोड करना है या उस ब्रोकर की साइट को गूगल पर सर्च कर रजिस्ट्रैशन करना है

या आपको रजिस्ट्रैशन करना नहीं आत तो आप किसी सायबर कॅफे मे जाकर भी रजिस्ट्रैशन करवा सकते है ।

रजिस्ट्रैशन करने के बाद 2 से 3 दिन मे आपका डिमेट अकाउंट (Demat Account) और ट्रैडिंग अकाउंट (Trading Account) ओपन हो जाएगा उसके बाद आप शेयर्स की खरीद बिक्री कर सकते है ।

शेयर मार्केट मे कितना पैसा लगाए :

कभी भी शुरुआती दिनों मे आपको शेयर मार्केट मे ज्यादा पैसा (Money) नहीं लगाना है

क्युकी शुरुआत मे जानकारी की कमी होने से अगर आप कोई गलती करते है तो आपका नुकसान ज्यादा भी हो सकता है ।

जब आप 1 से 2 साल इसमे बीता लेंगे आपका अनुभव बढ़ जाएगा तब आप इनवेस्टमेंट की अमाउन्ट बढ़ा सकते है ।

शेयर्स कब खरीदने चाहिए :

शेयर्स (Shares) खरीदने का ऐसा कोई निश्चित समय तो नहीं है ।

अगर अच्छी कंपनी है उसके फंडामेंटल अच्छे है उस कंपनी का नेट प्रॉफिट (Net Profit) साल दर साल बढ़ रहा है और उस कंपनी का शेयर प्राइस धीरे धीरे ऊपर जा रही है तो उस कंपनी के शेयर आप खरीद सकते है ।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले कोण कोण सी सावधानी रखे :
  • कभी भी पेनी स्टॉक मे इन्वेस्ट न करे ।
  • जब तक आप खूद उस कंपनी के फंडामेंटल की स्टडी करके संतुष्ट ना हो जाए तब तक किसी भी कंपनी मे पैसे न लगाए और किसी के कहने पर तो बिल्कुल भी न लगाए ।
  • जिस कंपनी के शेयर्स आप खरीदना चाहते हो कभी भी उस कंपनी पर ज्यादा कर्ज नहीं होना चाहिए अगर कंपनी पर ज्यादा कर्ज (Loan) है तो उस कंपनी को मत खरीदो ।
  • उप्पर सर्किट या लोअर सर्किट लगने वाले शेयरों में निवेश नहीं करना चाहिए ।
  • कभी भी कर्ज लेकर निवेश न करे ।
  • कभी भी एक ही कंपनी के स्टॉक में पूरा पैसा निवेश ना करें अपने पोर्ट्फोलीओ (Portfolio) मे हमेशा 7 से 10 कंम्पनियों के शेयर्स रखे ।
शेयर मार्केट बिजनेस मे सफल होने के लिए टिप्स :
  • अगर आपको यह पता नहीं है की कंपनी (Company) का प्रोडक्ट क्या है वह क्या सर्विस देती है और आखिर कंपनी पैसे कैसे कमाती है तो कभी भी ऐसी कंपनी मे इन्वेस्ट (Invest) मत करो ।
  • शॉर्ट टर्म (Short Term) मे हमे कम मुनाफा होता है वही मुनाफा लॉंग टर्म मे बहुत अधिक होता है इसीलिए हमेशा लॉंग टर्म (Long Term) के लिए इनवेस्टमेंट करो ।
  • अगर आपको किसी कंपनी का प्रोडक्ट पसंद है तो हो सकता है उस कंपनी का फंडामेंटल भी अच्छा हो तो आप उस कंपनी के शेयर मे इन्वेस्ट कर सकते है ।
  • अगर आप शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो हमेशा सरप्‍लस फंड ही निवेश करें । सरप्‍लस फंड से मतलब कि जो आपके पास आपके खर्चों और अन्‍य जरूरतों को पूरा करने के बाद बचता है ।
  • कभी भी शेयर मार्केट सीखने के बाद शुरुआती दिनों मे इंट्राडे ट्रैडिंग न करे अपने इमोशन्स पर काबू रखे ।
  • शेयर बाजार में पैसा लगाते समय आपको ऐसी कंपनी में पैसा लगाना है जिसका भविष्य प्रगति की ओर है ।
शेयर मार्केट की कुछ पारिभाषिक शब्दावली :

इंट्राडे ट्रैडिंग (Intraday Trading) : जब किसी शेयर को उसी दिन खरीदकर उसी दिन बेचा जाता है उस ट्रैडिंग या उस खरीद बिक्री को इंट्राडे ट्रैडिंग कहा जाता है ।

फंडामेंटल (Fundamental) : कंपनी के प्रॉफ़िट, लॉस, कंपनी के सामान की बिक्री उसकी डिमांड आदि से कंपनी का फंडामेंटल समज शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? मे आता है । अगर इसकी रिपोर्ट अच्छी है कंपनी लगातार प्रॉफ़िट कमा रही है इसका मतलब कंपनी के फंडामेंटल अच्छे है और अगर यह रिपोर्ट खराब है कंपनी को लॉस हो रहा है इसका मतलब कंपनी के फंडामेंटल खराब है ।

उप्पर सर्किट (Upper Circuit) : जब किसी शेयर को ज्यादा शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है? खरीदने वाले होते है तो उस समय शेयर में अपर सर्किट लग जाता है । मतलब की उस दिन मे वह शेयर उस दिन की शेयर प्राइस के आगे नहीं जाएगा । अगर आसान शब्दों में कहें तो एक्सचेंज उस दिन उस शेयर की ट्रेडिंग को बंद कर देता है जब तक की बेचने वाले आ न जाए । यह SEBI की तरफ से बनाया गया नियम है ।

लोअर सर्किट (Lower Circuit) : उप्पर सर्किट से उल्टा जब किसी शेयर को ज्यादा बेचने वाले होते है तो उस समय शेयर में लोअर सर्किट लग जाता है । मतलब की उस दिन मे वह शेयर उस दिन की शेयर प्राइस के नीचे नहीं जाएगा । एक्सचेंज उस दिन उस शेयर की ट्रेडिंग को बंद कर देता है जब तक की खरीदने वाले आ न जाए । यह भी SEBI की तरफ से बनाया गया नियम है ।

पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) : जिन शेयरों का भाव पैसों में अर्थात 10 पैसे से लेकर 90 पैसे तक या फिर 1 रूपये से 2 रूपये तक होता है और उनका मार्केट कैप भी बहुत कम होता है मतलब की वह कंपनियां बहुत छोटी होती है उन्हें पेनी स्टॉक्स कहा जाता है ।

सेबी/सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI/Securities and Exchange Board of India) :

सेबी यह शेयर बाजार की नियामक संस्था है, जिसका पूरा नाम सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया है । सेबी का मुख्य काम यह होता है की शेयर बाजार, शेयर ब्रोकर, म्युच्युअल फंड (Mutual Funds) आदि से संबंधित नियम बनाना । जिससे की शेयर मार्केट स्वस्थ रूप से चले और निवेशकों (Investors) का रक्षण हो सके । सेबी (SEBI) का गठन संसद में पारित प्रस्तावोंके अनुरूप किया गया है ।

मुनाफा आपकी इनवेस्टमेंट पर निर्भर करता है । अगर मोटा मोटा अंदाज लगाया जाए तो सालाना आपकी इनवेस्टमेंट पर 12% से 15% तक का रिटर्न मिल सकता है । याने की अगर सबकुछ सही रहा तो 1,00,000/- पर सालाना 12,000/- से 15,000/- तक का रिटर्न मिल सकता है ।

शेयर बाजार मे हमेशा आपके खर्चों और अन्‍य जरूरतों को पूरा करने के बाद जो पैसा बचता है वही पैसा लगाए ।

When the share price of the company increases, then the price of the shares that we have bought in that company also increases and we can earn money from those shares by selling those shares at an expensive price.

तो हमने आपको शेयर मार्केट बिजनेस (Share Market Business) के बारे मे जानकारी दी जिससे आप यह बिजनेस कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है ।

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शेयर मार्केट क्या है - what is share market - शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें

Share Market दो शब्दों से मिलकर बना है Share + Market, यहाँ Share का मतलब होता है ‘कंपनी में हिस्सा’ तथा Market का मतलब होता है एक ऐसी जगह जहाँ सामान को खरीदा और बेचा जाता है। शेयर मार्केट वह बाज़ार होता है जहाँ शेयर का लेन-देन किया जाता है अथवा ख़रीदा या बेचा जाता है। यदि आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है तो इससे पहले Share Market Kya Hai (What Is Share Market In Hindi) व Share Market Ki Sampurn Jankari जरूर प्राप्त कर लें।

क्योंकि कई बार लोगों को Share Market Basics की जानकारी न होने पर , निवेश करने पर बहुत नुकसान होता है। शेयर बाजार में इन्वेस्ट करना जोखिम भरा होता है, इसमें बड़े फायदे के साथ बड़े नुकसान भी होते है। अगर आप चाहते हैं कि आपके द्वारा अर्जित किया गया पैसा न डूबे और आप अच्छा मुनाफा प्राप्त करें, तो आपको सबसे पहले शेयर मार्किट क्या है व इसमें निवेश कैसे करें आदि के बारे में पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। इसलिए आज हम आपको इस पोस्ट में Share Market Kya Hota Hai है और अन्य Share Market Ki Jankari विस्तार में प्रदान करेंगे।

Share Market Kya Hai

शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ पर सार्वजनिक रूप से विभिन्न कंपनियों के शेयर बेचे और ख़रीदे जाते है। शेयर का मतलब होता है ‘हिस्सा’, यानि जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते है तो आप उसमें हिस्सेदार बन जाते है। जब मार्केट में उस कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ती है या कंपनी को मुनाफा होता है तो उसके निवेशकों को भी फायदा होता है। शेयर मार्केट में आप 100 रुपए से लेकर अधिकतम कितनी भी राशि तक के शेयर खरीद सकते है। शेयर को आप किसी अन्य खरीददार को बेच भी सकते है।

मार्केट में कई फैक्टर्स के कारण शेयर्स के दाम बढ़ते और घटते रहते हैं, जिसके चलते Shareholders को एकदम से बहुत अधिक मुनाफ़ा और नुकसान होता है। इसलिए शेयर मार्केट को जोखिम भरा मार्केट भी कहा जाता है। यहाँ सोच-समझकर निवेश करना ही फायदेमंद माना जाता है। शेयर बाजार में शेयर बेचने वाली कंपनी रजिस्टर्ड होती है और शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए कंपनी को बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है।

ये तो बात हुई Stock Market Kya Hai या Share Market Kya Hai In Hindi के बारे में। चलिए अब आगे बढ़ते है और जानते हैं शेयर कब खरीदना चाहिए।

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपको निम्न स्टेप्स को फोलो करना होगा-

1) अपना निवेश दृष्टिकोण निर्धारित करें

2) आप निवेश क्यों करना चाहते है, लक्ष्य निर्धारित करे

3) तय करें कि आप शेयरों में कितना निवेश करना चाहते है

4) एक डीमेट खाता खोले

5) शेयर मार्केट के वैसिक्स को सीखो

6) निवेश करने के लिए स्टॉक चुनें

7) निवेश शुरु करे

शेयर्स कब खरीदने चाहिए?

शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय तब माना जाता है जब किसी कंपनी के शेयर एक कम दाम पर मिल रहे हों। ऐसे शेयर खरीदने पर फायदा होने की संभावना अधिक होती है और नुकसान की संभावना कम होती है। हालांकि ये भी मुमकिन है कि आप जिस कीमत पर शेयर आज खरीद रहे हो उसकी कीमत गिर जाए, लेकिन कम कीमत पर शेयर खरीदना ही सुरक्षित माना जाता है।

इसके अतिरिक्त शेयर मार्केट से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए आपको कंपनी एनालिसिस करना आना चाहिए जिससे आप कंपनी के प्रॉफिट और लॉस के बारे में जान कर उसमें निवेश कर सकें। जब आपको पूरा भरोसा हो जाए कि आप शेयर मार्केट से जुड़ी सभी सही और महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर चुके हैं तभी इसमें निवेश करना फायदेमंद होता है। शेयर मार्केट में जब सोच समझकर निवेश किया जाता है तो लंबे समय में आप अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।

शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं

शेयर मार्केट में पैसा लगाने या निवेश करने के लिए आपका डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य होता है। इस अकाउंट को खुलवाने के दो तरीके होते हैं, जिनकी जानकारी आपको नीचे दी गयी है।

तरीका 1. ब्रोकर के ज़रिये डीमैट अकाउंट:

आप ब्रोकर से अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इस अकाउंट में आपके शेयर्स के पैसे रखे जाते है। जिस कंपनी के शेयर्स आपने खरीदे होते हैं, उस कंपनी को जब मुनाफा होता है तब आपके शेयर्स की वैल्यू भी बढ़ जाती है। ऐसे में जब आप अपने शेयर्स बेचते है तो उससे मिलने वाले पैसे आपके डीमैट अकाउंट में आते है। इन पैसों को आप ज़रूरत के अनुसार अपने डीमैट अकाउंट से अपने सेविंग्स अकाउंट में ट्रान्सफर कर सकते है।

तरीका 2. बैंक के ज़रिये डीमैट अकाउंट:

आप बैंक से भी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते है। आपका डीमैट अकाउंट आपके सेविंग्स अकाउंट से जुड़ा होता है। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपका सेविंग्स अकाउंट होना बहुत ज़रूरी होता है। डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों की KYC तथा पता प्रमाणन के लिए ज़रूरत होती है।

ब्रोकर से डीमैट अकाउंट खुलवाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि वह अपने अनुभव के आधार पर आपको अधिक पैसे कमाने के लिए समर्थन करता हैं और निवेश करने के लिए आपको अच्छी कंपनी Suggest करता है

ध्यान रहे, कोई भी व्यक्ति शेयर मार्केट में न तो डायरेक्ट शेयर ख़रीद सकता है और न ही बेच सकता है। शेयर खरीदने तथा बेचने का कार्य स्टॉक ब्रोकर एजेंसी द्वारा किया जाता है। कुछ स्टॉक ब्रोकर एजेंसी के नाम अपस्टॉक्स , ऐंजल ब्रोकिंग, आईसीआईसीआई डायरेक्ट आदि है।

शेयर की वैल्यू डाउन क्यों होती है

Share Market डाउन होने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते है –

शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव के पीछे देश-विदेश में हो रही घटनाओं की मुख्य भूमिका होती है। जैसे- 2022 में रूस और यूक्रेन संकट के कारण दुनियाभर के शेयर बाज़ारों में भारी स्तर पर उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। निवेशक इस उलझन में हैं की कहाँ निवेश करना सही रहेगा क्योंकि इस समय कंज़्यूमर बिहेवियर पर इसका भारी प्रभाव पड़ रहा है।

जब किसी लिस्टेड कंपनी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के द्वारा शेयर मार्केट अग्रीमेंट की शर्तों का उलंघन करने पर डिलिस्ट कर दिया जाता है, तब भी शेयर बाज़ार डाउन हो जाता है।

शेयर मार्केट पर लिस्टेड किसी कंपनी का मूल्यांकन उसके आर्डर मिलने या छिन जाने, प्रॉफिट या नुकसान होने तथा नतीजे बेहतर रहने, जैसी जानकारियों के आधार पर किया जाता है। दैनिक कामकाज में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है जिसके कारण कंपनी के शेयर्स की माँग बढ़ती-घटती रहती है और इसका सीधा असर शेयर्स की कीमतों पर पड़ता है।

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