व्यापार में स्प्रेड के प्रकार

आधुनिकता और टेक्नोलॉजी के इस जमाने में लोगों की आदतों में भी तेजी से बदलाव आया है. अब कई चीजें लोगों की आदतों में शामिल हो गई है, जिनमें टिश्यू पेपर भी आते हैं. घर, दफ्तर, रेस्टोरेंट, होटल, स्कूल, हॉस्पिटल, ढाबे यहाँ तक की छोटे खाने के स्टॉल्स पर भी टिश्यू पेपर पाए जाते हैं. इनकी उपयोगिता बढ़ने के पीछे एक कारण यह भी है कि इससे पानी कम खर्च होता है. यदि आप कोई ऐसा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, जो आपको ज्यादा मुनाफ़ा दे, जिसकी डिमांड भी ज्यादा हो तो टिश्यू पेपर बनाने का काम आप आसानी से शुरू कर सकते हैं.
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टिश्यू पेपर के लिए रिसर्च है जरुरी
किसी भी नए व्यापार को शुरू करने से पहले आपको उसके बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए. जैसे की आपको किस प्रकार के टिश्यू पेपर का निर्माण करना है. इसमें लागत कितनी आएगी. कच्चा माल कितना और क्या व्यापार में स्प्रेड के प्रकार लगेगा, कहाँ से मिलेगा. कौन सी मशीन अच्छी है. माल तैयार होने के बाद उसे किसे बेचा जाएगा. मार्केटिंग व्यापार में स्प्रेड के प्रकार की चुनौतियां कौन सी होगी. आपको पहले सारी रिसर्च करनी होगी.
Bid-Ask Spread क्या है? हिंदी में
Bid-ask Spread तत्काल बिक्री के लिए उद्धृत कीमतों और stocks, futures contracts, options, या currency pairs के लिए तत्काल खरीद के बीच का अंतर है। एक सुरक्षा में बिड-आस्क स्प्रेड का size market की तरलता और लेनदेन लागत के आकार का एक उपाय है।
बिड-आस्क स्प्रेड क्या है? हिंदी में [What is Bid-Ask Spread? In Hindi]
एक शेयर की कीमत किसी भी समय बाजार के मूल्य की समझ है और विशेष है। प्रत्येक बाजार सौदे में "bid" और "ask" क्यों है, इसका कारण समझने के लिए, दो मुख्य खिलाड़ी होने चाहिए, अर्थात् मूल्य लेने वाला (व्यापारी) और बाजार निर्माता (प्रतिपक्ष)।
बिड-आस्क स्प्रेड का उपयोग किसी दिए गए कमोडिटी की आपूर्ति और मांग के माप के रूप में किया जा सकता है। चूंकि बोली को मांग का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा जा सकता है और किसी वस्तु के लिए आपूर्ति का प्रतिनिधित्व करने की पेशकश, यह संभव हो सकता है कि बाजार की कार्रवाई आपूर्ति और मांग में बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है क्योंकि ये दोनों कीमतें और अलग हो जाती हैं।
"ऑफ़र्स" और "आस्क्स" की गहराई का बिड-आस्क स्प्रेड पर एक बड़ा प्रभाव हो सकता है। यदि कम प्रतिभागी सुरक्षा खरीदने के लिए सीमा आदेश देते हैं (इस प्रकार कम बोली मूल्य उत्पन्न करते हैं) या यदि कम विक्रेता बेचने के लिए सीमित आदेश देते हैं तो प्रसार (Spread) काफी व्यापक हो सकता है। जैसे, एक खरीद सीमा आदेश देते समय बोली-पूछने को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इसे सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया है।
'बोली-आस्क स्प्रेड' की परिभाषा [Definition of "Bid-Ask Spread" In Hindi]
बिड-आस्क स्प्रेड आमतौर पर किसी सिक्योरिटी के आस्क (ऑफ़र/सेल) कीमत और बिड (खरीद/खरीद) कीमत के बीच का अंतर है। आस्क प्राइस वह मूल्य बिंदु है जिस पर विक्रेता बेचने के लिए तैयार होता है और बोली मूल्य वह बिंदु होता है जिस पर खरीदार खरीदने के लिए तैयार होता है। जब बाज़ार में दो मूल्य बिंदु मेल खाते हैं, अर्थात जब एक खरीदार और विक्रेता एक-दूसरे द्वारा दी जा रही कीमतों के लिए सहमत होते हैं, तो एक व्यापार होता है। ये कीमतें दो बाजार शक्तियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं - मांग और आपूर्ति, और इन दोनों ताकतों के बीच का अंतर खरीद-बिक्री की कीमतों के बीच के प्रसार को परिभाषित करता है। जितना बड़ा फासला, उतना बड़ा फैलाव! बिड-आस्क स्प्रेड को निरपेक्ष और व्यापार में स्प्रेड के प्रकार प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। जब बाजार अत्यधिक तरल होता है, तो प्रसार मूल्य बहुत छोटा हो सकता है, लेकिन जब बाजार तरल या कम तरल होता है, तो वे बड़े हो सकते हैं। Arbitrage क्या है?
बिड-आस्क स्प्रेड के उच्च होने का क्या कारण है? [What causes the bid-ask spread to be high?] [In Hindi]
बिड-आस्क स्प्रेड, जिसे स्प्रेड के रूप में भी जाना जाता है, कई कारकों के कारण अधिक हो सकता है। सबसे पहले, तरलता एक प्राथमिक भूमिका निभाती है। जब किसी सुरक्षा के लिए दिए गए बाजार में पर्याप्त मात्रा में तरलता होती है, तो प्रसार सख्त (Spread hardening) होगा। जिन शेयरों का भारी कारोबार होता है, जैसे कि Google, Apple और Microsoft में एक छोटा बिड-आस्क स्प्रेड होगा।
इसके विपरीत, एक बिड-आस्क स्प्रेड किसी दिन अज्ञात, या अलोकप्रिय प्रतिभूतियों के लिए उच्च हो सकता है। इनमें स्मॉल-कैप स्टॉक शामिल हो सकते हैं, जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो सकता है, और निवेशकों के बीच निम्न स्तर (low level) की मांग हो सकती है।
स्टॉक्स में बिड-आस्क स्प्रेड का उदाहरण क्या है? [What is an example of a bid-ask spread in a stock?]
निम्नलिखित उदाहरण पर विचार करें जहां एक व्यापारी Rs 50 के लिए Apple के 100 शेयर खरीदना चाहता है। व्यापारी देखता है कि बाजार में Rs 50.05 पर 100 शेयरों की पेशकश की जा रही है। यहां, Spread Rs. 50.00 - Rs.50.05, या Rs.0.05 चौड़ा होगा। हालांकि यह Spread छोटा या महत्वहीन लग सकता है, बड़े ट्रेडों पर, यह एक सार्थक अंतर पैदा कर सकता है, यही वजह है कि संकीर्ण (narrow) फैलाव आमतौर पर अधिक आदर्श होते हैं। इस उदाहरण में, बिड-आस्क स्प्रेड का कुल मूल्य 100 शेयरों x Rs.0.05, या Rs.5 के बराबर होगा।
Tissue Paper: टिश्यू पेपर के लगातार बढ़ते ट्रेंड से होगी लाखों की कमाई, सरकार से भी मिलेगी मदद
घर, दफ्तर, रेस्टोरेंट, होटल, स्कूल, हॉस्पिटल, ढाबे यहाँ तक की छोटे खाने के स्टॉल्स पर भी टिश्यू पेपर पाए जाते हैं. इनकी उपयोगिता बढ़ने के पीछे एक कारण यह भी है कि इससे पानी कम खर्च होता है.
यदि आप कोई ऐसा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, जो आपको ज्यादा मुनाफ़ा दे, जिसकी डिमांड भी ज्यादा हो तो टिश्यू पेपर बनाने का काम आप आसानी से शुरू कर सकते हैं.
रंजीता पठारे, बेंगलुरु
आधुनिकता और टेक्नोलॉजी के इस जमाने में लोगों की आदतों में भी तेजी से बदलाव आया है. अब कई चीजें लोगों की आदतों में शामिल हो गई है, जिनमें टिश्यू पेपर भी आते हैं. घर, दफ्तर, व्यापार में स्प्रेड के प्रकार रेस्टोरेंट, होटल, स्कूल, हॉस्पिटल, ढाबे यहाँ तक की छोटे खाने के स्टॉल्स पर भी टिश्यू पेपर पाए जाते हैं. इनकी उपयोगिता बढ़ने के पीछे एक कारण यह भी है कि इससे पानी कम खर्च होता है. यदि आप कोई ऐसा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, जो आपको ज्यादा मुनाफ़ा दे, जिसकी डिमांड भी ज्यादा हो तो टिश्यू व्यापार में स्प्रेड के प्रकार पेपर बनाने का काम आप आसानी से शुरू कर सकते हैं.
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टिश्यू पेपर के लिए रिसर्च है जरुरी
किसी भी नए व्यापार को शुरू करने से पहले आपको उसके बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए. जैसे की आपको किस प्रकार के टिश्यू पेपर का निर्माण करना है. इसमें लागत कितनी आएगी. कच्चा माल कितना और क्या लगेगा, कहाँ से मिलेगा. कौन सी मशीन अच्छी है. माल तैयार होने के बाद उसे किसे बेचा जाएगा. मार्केटिंग की चुनौतियां कौन सी होगी. आपको पहले सारी रिसर्च करनी होगी.
- नैपकिन
- फेशियल टिश्यू पेपर
- किचन नैपकिन्स
- वाइप्स
- टॉयलेट पेपर व्यापार में स्प्रेड के प्रकार
- हैंडकरचीफ पेपर
- हाउसहोल्ड टॉवेल्स
टिश्यू पेपर बिजनेस में हमेशा होगा मुनाफ़ा
इस समय बाजार में भले ही टिश्यू पेपर बनाने वाली कम्पनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उसके साथ ही इनकी मांग भी बढती जा रही है. शादी-पार्टियों जैसे कई कार्यक्रमों में भी इनकी ऊंची मांग होती है. आप इस बिजनेस को छोटे स्तर पर भी शुरू कर सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहले निवेश की आवश्यकता होगी, जमीन, कर्मचारियों, कच्चा माल, मशीन, के साथ ही लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की भी जरूरत होगी.
इस व्यापार से आप सालाना 90 लाख से ज्यादा कमा सकते हैं. साल भर की मजदूरी, कच्चा माल, बिजली बिल जैसी सारी लागत हटाने के बाद भी 15 लाख से ज्यादा का मुनाफ़ा आप आसानी से कमा सकते हैं. वहीँ बड़े स्तर पर शुरू किये गए कार्य में 20 प्रतिशत का मुनाफ़ा कमाया जा सकता है.
सरकार करती है मदद
भारत सरकार अब मेक इन इंडिया के कॉन्सेप्ट पर चल रही है. जिसमें भारत में निर्मित वस्तुओं को कई जगह छूट दी जाती है. नया बिजनेस शुरू करने वालों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कम दरों पर लोन भी दिया जाता है. इसके साथ ही कर में छूट सहित अन्य कई तरह का फायदा सरकार नए उद्यमियों को दे रही है. ताकि विदेशों से कम सामान खरीदा जाए और देश में बनाए सामानों को विदेशों में भेजा जाए.
टिश्यू पेपर बनाने की लागत
टिश्यू पेपर मेकिंग कारोबार में आपको लगभग दस लाख का निवेश करना पड़ेगा. इसमें मशीन की लागत, कच्चा माल और अन्य खर्चे शामिल होंगे. आजकल ऑटोमेटिक मशीन बाजार में उपलब्ध है. ऐसे में केवल एक मशीन से एक भी काम शुरू किया जा सकता है. मशीनें लोकल मार्केट से या फिर ऑनलाइन भी खरीदी जा सकती है.व्यापार में स्प्रेड के प्रकार
जमीन
टिश्यू पेपर मेकिंग के लिए आपको एक जगह का चुनाव भी करना होगा. इसके लिए शुरुआत आपके घर से भी हो सकती है. वहीं आप चाहे तो जमीन किराए पर लेकर भी सेटअप कर सकते हैं. जगह इतनी होनी चाहिए जिसमें मशीन लग सके, कर्मचारी आ सके, कच्चा एवं निर्मित माल रखा जा सके.
- फैक्ट्री लाइसेंस
- जीएसटी नंबर
- कम्पनी रजिस्ट्रेशन ( बिना कम्पनी का निर्माण किये छोटे स्तर पर भी काम शुरू कर सकते हैं. लेकिन ऐसे मामले में आपकी उत्पादन क्षमता सीमित हो जाएगी. )
- व्यापार लाइसेंस
- बीआईएस प्रमाणन
- अनापत्ति प्रमाण पत्र
- औषधि और प्रसाधन सामग्री लाइसेंस
कैसे करें निर्माण?
पेपर बनाने के लिए बाजार में ऑटोमेटिक मशीनें उपलब्ध होती है. जिसमें केवल पेपर डाला जाता है, जिसके बाद फाइनल प्रोडक्ट बाहर आता है. सबसे पहले मशीन में पेपर रोल को डाला जाता है. यदि आप रंगीन पेपर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए मशीन में विकल्प मौजूद रहता है. आप मनपसंद रंग डालकर पेपर को मशीन से लगा सकते है. इसके साथ ही आप चाहे तो किसी का लोगो या टैग भी लगा सकते हैं.
कलरिंग और टैगिंग के बाद पेपर एम्बॉसिंग से होकर पारदर्शी रूप में निकलता है. जिसके व्यापार में स्प्रेड के प्रकार बाद फोल्डिंग सेक्शन में पेपर रोल की कटिंग की जाती है और अंत में हमें अपना मन पसंदीदा टिश्यू पेपर प्राप्त हो जाता है. इस काम को करने के लिए आपको दो से तीन लोगों की भी आवश्यकता पड़ सकती है.
टिश्यू पेपर की पैकिंग
टिश्यू पेपर बनने के बाद उन्हें पैकेट में पैक किया जाता है. आप पॉलीथिन के ऊपर अपनी कंपनी का लोगो और टैग लगा सकते हैं. आपको 50 अथवा 100 टिश्यू पेपर के बंडल तैयार करने होंगे.
कहाँ करें सेल?
टिश्यू पेपर का इस्तेमाल व्यापार तौर पर रेस्त्रां और होटलों में किया जाता है. इसीलिए आप ऐसे स्थानों को टारगेट कर वहां अच्छी मार्केटिंग करके अपना सामान बेच सकते हैं. किसी भी वस्तु की सेल बढ़ाने के लिए बढ़िया मार्केटिंग स्ट्रेटेजी भी जरुरी होती है. ऐसे में आप आसपास के दुकानदारों, मॉल और ऐसे स्थानों से भी सम्पर्क कर सकते हैं जहाँ टिश्यू पेपर बेचे जा सके. ज्यादा मुनाफे के लिए सीधे ग्राहकों से संपर्क करना अच्छा होगा. इसके लिए आप सोशल मीडिया मार्केटिंग का भी सहारा ले सकते हैं.
व्यापार में रिस्क
वैसे तो यह मुनाफे वाला कारोबार है, जिसमें रिस्क न के बराबर है. लेकिन उस वक्त हानि सबसे ज्यादा होती है जब कोई भी व्यवसाय बिना सोचे समझे, बिना किसी जानकारी के शुरू किया जाता है. या बाजार की मांग को अनदेखा किया जाता है. आप भी इस व्यापार को सही स्थान पर और ग्राहकों की मांग के अनुसार चलाइये तो आपको भी सोच से परे मुनाफ़ा हो सकता है.