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फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना

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बाजार में आज अच्छी रौनक, जानिये राइटर्स कौन से रेंज में हैं एक्टिव और दमदार ट्रेडिंग आइडियाज

आज फ्यूचर मार्केट में JK CEMENT, VOLTAS, NAM-INDIA और VEDL पर लॉन्ग बनते हुए नजर आये

बाजार में आज अच्छी रौनक दिख रही है। अच्छे गैप-अप के बाद बाजार एक दायरे में कारोबार कर रहा है। निफ्टी 16900 के करीब है। बैंक निफ्टी आज भी निफ्टी के मुकाबले आउट परफॉर्म कर रहा है। ऐसे में हम ऑप्शन के आंकड़ों के जरिए समझने की राइटर्स कल की एक्सपायरी के लिए लिए कौन सी रेंज देख रहे हैं। सीएनबीसी-आवाज़ के फ्यूचर एक्सप्रेस में आज के हमारे एक्सपर्ट Catalyst Wealth के फाउंडर प्रशांत सावंत हैं। प्रशांत ने अपनी दमदार कॉल्स के साथ एक सस्ता ऑप्शन भी दिया।

फ्यूचर मार्केट में आज इन स्टॉक्स में LONGS बनते हुए दिखाई दिये

JK CEMENT, VOLTAS, NAM-INDIA और VEDL

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फ्यूचर मार्केट में आज इन स्टॉक्स में SHORT COVERING होती हुई दिखाई दी

LIC HF, COFORGE, GODREJ PROP और METROPOLIS

फ्यूचर मार्केट में आज इन स्टॉक्स में SHORTS बनते हुए दिखाई दिये

HONEYWELL, GUJGAS, PFIZER और CIPLA

NIFTY

आज दोपहर 12 बजे के दौरान निफ्टी में 16700, 16800 और 16900 के स्तर पर सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स एक्टिव नजर आये

आज दोपहर 12 बजे के दौरान निफ्टी में 16500, 16400 और 16300 के स्तर पर सबसे ज्यादा पुट राइटर्स एक्टिव नजर आये

BANK NIFTY

आज दोपहर 12 बजे के दौरान बैंक निफ्टी में 34800, 34900 और 35000 के स्तर पर सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स एक्टिव नजर आये

आज दोपहर 12 बजे के दौरान बैंक निफ्टी में 34500, 34400 और 34300 के स्तर पर सबसे ज्यादा पुट राइटर्स एक्टिव नजर आये

Catalyst Wealth के प्रशांत सावंत की बाजार पर राय

प्रशांत सावंत ने बाजार पर राय देते हुए कहा कि जब हम बजट के दिन से नीचे निफ्टी में ट्रेड देखते हैं तो वह साल हमारे बाजारों के लिए बियरिश होता है। इस साल बजट के दिन का लो 17200 था जिसके नीचे हम इस समय ट्रेड कर रहे हैं। निफ्टी में आती हुई कोई भी तेजी को मैं शक की निगाह से देखता हूं इसलिए फिलहाल इसमें नई खरीदारी की राय नहीं दे रहा हूं। लेकिन जिन्होंने पोजीशल ले रखी है उन्हें 16800 के स्टॉपलॉस के साथ इसमें बने रहना चाहिए।

वहीं बैंक निफ्टी पर राय देते हुए प्रशांत ने कहा ये निफ्टी की अपेक्षा आउटपरफॉर्म कर रहा है फिर भी फेड पॉलिसी पर फैसला आज शाम तक आने की संभावना है जिसके चलते इसमें ओवरनाइट ट्रेड की सलाह नहीं होगी।

Catalyst Wealth के प्रशांत सावंत के ट्रेडिंग आइडियाज

Havells Mar Fut : बेचें - 1130 रुपये, स्टॉपलॉस - 1190 रुपये, लक्ष्य- 1050 रुपये

Axis Bank Mar Fut : खरीदें - 722 रुपये, स्टॉपलॉस - 710 रुपये, लक्ष्य- 750 रुपये

Tata Consumer Products Mar Fut : खरीदें - 751 रुपये, स्टॉपलॉस - 730 रुपये, लक्ष्य- 780 रुपये

आज का सस्ता ऑप्शन : ASIAN PAINT

प्रशांत ने आज सस्ते ऑप्शन के रूप में पेंट सेक्टर का दिग्गज स्टॉक चुना। उन्होंने एशियन पेंट पर दांव लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एशियन पेंट के मार्च सीरीज की 3000 के स्ट्राइक वाली कॉल 66 रुपये के आस-पास खरीदें। इसमें 25 रुपये के नीचे स्टॉपलॉस लगाएं। इसमें 150 रुपये तक के टारगेट देखने को मिल सकते हैं।

सोने के वायदा(गोल्ड फ्यूचर्स) में निवेश करने से पहले क्या जानना चाहिए?

man at laptop

सोने में निवेश परंपरागत रूप से एक साधारण लेनदेन रहा है जिसमें सोने को अपने पास रखना शामिल है। लेकिन समय के साथ, बाजार के विकास ने सोने में निवेश करने के नए तरीके लाए हैं। एक माध्यम जिससे इसका कारोबार किया जा फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना सकता है, वह है सोने का वायदा, जो सोने के बाजार को वायदा कारोबार के सिद्धांतों के साथ जोड़ता है।

यदि आप सोने के वायदा कारोबार में निवेश करना चाह रहे हैं, तो कुछ आसान लेकिन महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जानना आवश्यक है।

सोने का वायदा कारोबार कैसे होता है?

भारत में सोने का वायदा कारोबार BSE, NSE और MCX (मल्टी कॉमोडिटी एक्सचेंज) के माध्यम से एक ग्राम से लेकर एक किलो तक के विभिन्न आकारों के ऑर्डर में किया जा सकता है। खरीदार अनुबंध में निर्दिष्ट मूल्य के लिए भविष्य की तारीख में सोना खरीदने या बेचने के लिए एक समझौते के साथ एक निश्चित अवधि के अनुबंध में प्रवेश करता है। हालांकि अनुबंध में एक निश्चित मात्रा में सोने का उल्लेख हो सकता है, लेकिन आपको पूरी राशि को अग्रिम रूप से निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके बजाए, आप कुल मूल्य का एक छोटा प्रतिशत रख सकते हैं, जिसे "मार्जिन" के रूप में जाना जाता है।

अन्य निवेशों की तरह, आप सोने के वायदा अनुबंध के माध्यम से या तो लाभ प्राप्त कर सकते हैं या आपको हानि हो सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि अनुबंध अवधि के दौरान सोने की कीमत बढ़ती है या घटती है। मूल्य में परिवर्तन (ऊपर और नीचे दोनों) को टिक्स में मापा जाता है, जो कि बाजारों द्वारा मापा जाने वाला सबसे छोटा मूल्य परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, MCX के सोने के वायदा अनुबंध में, टिक का आकार 0.10 (या 1 रुपए प्रति 10 ग्राम) होता है। इस प्रकार, यदि आपके पास 1 किलो (1000 ग्राम) का लॉट साइज है, तो आपका लाभ या हानि 100 रुपए प्रति टिक होगा। आप अनुबंध अवधि के दौरान सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ उठा सकते हैं या अनुबंध अवधि के अंत में भौतिक रूप से सोने की डिलीवरी का विकल्प चुन सकते हैं।

आपके लक्ष्यों के अनुरूप क्या होगा - दीर्घकालिक या अल्पकालिक अनुबंध?

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोने का वायदा अनुबंध मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाव प्रदान करते हैं और सट्टा लाभ अर्जित करने का अवसर प्रदान करते हैं। सोने के आयात, निर्यात, निर्माण या व्यापार में संलग्न व्यवसाय इस जोखिम को कम करने और कम समय में संभावित नुकसान की भरपाई के लिए सोने के वायदा अनुबंध का उपयोग कर सकते हैं।

साधारण निवेशक भी लाभ कमाने के लिए टिक मूवमेंट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि अधिकांश निवेशक सोने फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना के वायदा को कम समय के हेजिंग के रूप में उपयोग करते हैं, भविष्य में सोने की कीमतों में वृद्धि को भुनाने के इच्छुक निवेशक अपने अनुबंध को एक वर्ष तक की लंबी अवधि के लिए भी निर्धारित कर सकते हैं।

आप किस प्रकार का विश्लेषण और निवेश करने की योजना बना रहे हैं?

सोना वायदा निवेशक अपने निवेश के लिए मौलिक, तकनीकी या दोनों ही दृष्टिकोण का उपयोग कर सकते हैं। मौलिक विश्लेषण सोने की मांग-आपूर्ति की गतिशीलता, वर्तमान स्थिति और बाजार की भावना के साथ-साथ आर्थिक चक्र पर भी विचार करता है। तकनीकी विश्लेषण अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है, मूल्य निर्धारण चार्ट, संकेतक और उपकरण जैसे फिबोनिकी एक्सटेंशन और मोमेंटम ऑसिलेटर्स की मदद लेता है। मौलिक दृष्टिकोण परिसंपत्ति के वास्तविक मूल्य को समझना चाहते हैं, जबकि तकनीकी विश्लेषण भविष्य के मूल्य को समझना चाहता है। सोने के वायदा निवेशकों को दोनों दृष्टिकोणों के तहत काम करने से लाभ होगा।

क्या आप सोने के वायदा कारोबार पर बाजार के रुझान के प्रभाव को समझते हैं?

सोने के बाजार को समझना एक व्यापक अभिव्यक्ति है जिसमें वह सब कुछ शामिल है जो सोने की कीमत को प्रभावित करता है। एक सोने के वायदा निवेशक के रूप में, आपको अमेरिकी डॉलर के मूल्य, बॉन्ड की कीमत, सरकार की ब्याज दर नीति और सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले प्रमुख आर्थिक निर्णयों पर नजर रखनी होगी। शादी का समय और कृषि पैटर्न के शुरु होने से भी भारत में सोने की कीमत प्रभावित हो सकती है। केंद्रीय बैंक द्वारा सोने का भारी मात्रा में व्यापार एक अन्य कारक है जो सोने के बाजार को प्रभावित कर सकता है।

आप किस प्रकार की ट्रेडिंग योजना का पालन करने का मन बना रहे हैं?

इक्विटी निवेश की तरह, आपको तेजी या मंदी की स्थिति की समझ विकसित करनी होगी और उसके अनुसार अपनी निवेश योजना बनानी होगी। इसके अलावा, आपकी परिचालन शैली भी आपकी निवेश योजना को परिभाषित करेगी। आप ऐसे निवेशक हो सकते हैं जो एक सत्र के दौरान कई बार प्रवेश करता है और बाहर निकलता है। डे ट्रेडिंग ऐसी शैली है जिसमें लोग कम काम करते हैं जहां आप एक दिन की कीमत में उतार चढ़ाव का आकलन करते हैं। एक पोजिशन ट्रेडर उतार-चढ़ाव के बजाए ट्रेंड पर ध्यान देगा, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेडिंग बहुत कम होगा। आपकी स्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता, सुनिश्चित करें कि आप इसे करने से पहले इसे समझते हैं, और आप इसी ट्रेडिंग योजना के साथ बने रहते हैं।

सोने के वायदा कारोबार में निवेश एक लाभदायक विकल्प हो सकता है, बशर्ते आपको अनुबंध की पूरी समझ हो और आपके पास निवेश की एक विस्तृत योजना हो। इससे पहले कि आप सोने के वायदा कारोबार में कोई निवेश करें, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने लिए इन सवालों का जवाब ढूंढ लें ताकि आप सब कुछ समझ सकें।

फ्यूचर्स और आप्शंस के चक्कर में न पड़ें नए निवेशक, इक्विटी में ही बनेगी असली वेल्थ

नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। इक्विटी में मुनाफे पर की गई बिक्री फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना में पैसा कहां से आता है? आसान जवाब होगा कि जिसने भी स्टाक को पहले खरीदा है उसी से। ये सही है, मगर क्या इसका मतलब यह नहीं है कि पहले खरीदने वाले को नुकसान हुआ? नहीं, कम-से-कम तब तो नहीं जब स्टाक खरीदने वाले ने उसे फायदे में बेचा हो। आमतौर पर वक्त के साथ बाजार ऊपर ही जाते हैं, फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना इसलिए इक्विटी निवेशक पैसा ही बनाते हैं। लेकिन फ्यूचर्स या आप्शंस में पैसा कहां से आता है? और डेरिवेटिव्स में? अजीब बात ये है कि इसका जवाब कम ही लोग फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना जानते हैं।

2020 के मध्य से लेकर वर्क-फ्राम होम, एप-आधारित ट्रेडिंग और लाकडाउन ने मिलजुल कर नए निवेशकों की बाढ़ सी ला दी है। हालांकि, कई लोगों ने क्रिप्टो से चोट खाई है और वो अब वापस अपने-अपने आफिस की तरफ लौट गए हैं। मगर अब भी कई नए आए लोग इक्विटी में जमे हुए हैं।

इक्विटी और डेरिवेटिव्स के बीच के अंतर को समझें

हाल ही में एक युवा से बातचीत हो रही थी। इस युवक से फ्यूचर और आप्शंस को लेकर सवाल पूछा। उसे फ्यूचर और आप्शंस में ट्रेडिंग के लिए तैयार कर लिया गया, लेकिन उसे इसका कोई आइडिया नहीं था और न ही उसने कभी इस बारे में गहराई से सोचा था। असल में, उसने डेरिवेटिव्स के बारे कुछ जानने की कोशिश की थी और कई तरह की जानकारी जो ब्रोकरों ने दी, उससे कुछ समझने की कोशिश भी की थी। इसके अलावा गूगल से हर तरह की वेबसाइटों पर जाकर कुछ जान भी लिया था।

इसका नतीजा ये था कि उसने मुझे डेरिवेटिव्स के फायदों पर काफी अजीबोगरीब बातें सुनाईं कि कैसे वो ट्रेडर को सुरक्षित तरीके से ट्रेड करने में मदद करते हैं? कैसे वो लिक्विडिटी प्रमोट करते हैं? कैसे वो डिस्कवरी प्राइस को प्रोत्साहित करते हैं? आदि। हालांकि, इस पूरी आरएंडडी और इस सारे प्रोपेगेंडा में किसी ने उसे ये नहीं बताया था कि इसमें हर बार जब कोई मुनाफा कमाता है, उसमें किसी दूसरे का नुकसान होता है।

फ्यूचर्स और आप्शंस हैं जीरो-सम गेम

असल इक्विटी निवेश में ऐसा नहीं होता। यहां अर्थव्यवस्था की ग्रोथ इक्विटी की बुनियाद होती है, वहीं फ्यूचर और आप्शंस एक जीरो-सम गेम है, जो बात सबसे दिलचस्प लगी वो ये कि एक बार जब मैंने अपने उस युवा दोस्त को सारी चीजें समझा दीं, तो वो जो भी कर रहा था, उसे लेकर कुछ हद तक डर गया। ये जरूर है कि वो समझता है कि वो फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना और उसका ब्रोकर बड़े बुद्धिमान हैं। फिर भी, ये जानकारी कि उस पूरे काम में कोई पैसा नहीं बन रहा, और सारा नफा-नुकसान बराबर है, ये बात किसी भी काम को लेकर हमारा रवैया बदल ही देती है।

असल में, लाखों लोगों का डेरिवेटिव का लेनदेन-जो भारतीय एक्सचेंज के कामकाज का 90 प्रतिशत है, कुल मिला कर कोई वेल्थ नहीं पैदा करता, ये बात सोच में डालने वाली है। अगर कोई अमीर बन रहा है, तो सिर्फ इसलिए क्योंकि कोई दूसरा गरीब हो रहा है। ब्रोकर और एक्सचेंज इस सब में पैसे बना रहे हैं। ये सोच कि भारत में फ्यूचर्स और आप्शंस काम के हैं, सिर्फ एक थ्योरी है और कुछ नहीं। कुछ गायब होते थोड़े से निवेशक डेरिवेटिव्स को नुकसान कम करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। पढ़ाई के दौरान बताया गया था कि स्टाक मार्केट का मकसद है कि निवेशकों के रिसोर्स बिजनेस में इस्तेमाल हों, ताकि फाइनेंशियल ग्रोथ हासिल की जा सके और सभी निवेशक इस ग्रोथ में हिस्सेदारी ले सकें।

इक्विटी में बनेगी असली वेल्थ

फ्यूचर्स और आप्शंस का ये जुआ इस मकसद से बहुत दूर है। मगर हां, ये सब बदलने वाला नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी जैसे इनोवेशन की तुलना में फ्यूचर्स और आप्शंस काफी सौम्य नजर आते हैं। निवेशक अपने निवेश तक ही रहें और उसके लालच में न पड़ें जो ऊपरी तौर पर तो निवेश लगता है मगर असल में निवेश से काफी अलग है।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

स्कैनिंग ब्रेकआउट स्ट्रैटेजीज 3 - गैप अप और ओपनिंग रेंज

गैप और ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट
ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट न केवल एक प्रसिद्ध बल्कि विशेष रूप से 5-10-15 मिनट के चार्ट का उपयोग करनेवाले इंट्रा डे ट्रेडर्स के लिए सिद्ध किए हुए परिणामों वाली एक बढ़िया स्ट्रैटेजी है। इसे गैप ओपनिंग के साथ कम्बाइन करें और अपनी सफलता की संभावना बढ़ाएँ।

ट्रेडिंग की फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना यह स्टाइल आपके लिए बढ़िया है यदि-

· आप एंट्री और एग्जिट के निर्णय जल्दी ले सकते हैं।

· फ्यूचर्स ट्रेड करते हैं और

· अपने अकाउंट के रिस्क मैनेजमेंट के लिए बहुत दृढ़ हैं।

इसके उपयोग को समझने के लिए, इस स्कैन को निफ्टी 200 और निफ्टी फ्यूचर्स पर चलाएं और परिणाम देखें।

जैसा कि आप देख सकते हैं स्टॉक्स और फ्यूचर्स में परिणाम अलग अलग हो सकते हैं। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे-

· स्टॉक्स की तुलना में फ्यूचर्स पर प्रीमियम/डिस्काउंट

· शुरुआती ट्रेडों में सप्लाई/डिमांड का मेल ना खाना

सबसे अच्छा चयन वो स्टॉक्स हैं जो दोनों सूचियों में हों। हालांकि, ट्रेडिंग का निर्णय लेने से पहले स्कैन परिणामों के चार्ट का विश्लेषण करना हमेशा बेहतर होता है।

ओपनिंग रेंज को परिभाषित करना

यह मार्केट खुलने के बाद दिए गए समय का उच्च और निम्न है। सामान्य तौर से यह समय ट्रेडिंग के पहले 15 मिनट होते हैं। कुछ ट्रेडर्स 30 मीन या 1 घंटे जैसे बड़े टाइम फ्रेम का भी उपयोग करते हैं।

गैप अप/ डाउन को परिभाषित करना

ज़ी चार्ट दिखाता है कि आज सुबह प्राइज़ में 0.55 की कमी आई है, यानी कल की क्लोजिंग प्राइज़ (340.50) और आज सुबह की ओपनिंग प्राइज़ (339.55) के बीच का अंतर।

एक आवश्यक कंडीशन जो पूरी हुई वह है कि आज का ओपन कल के लो (340.00) से कम है।

गैप अप ओपनिंग के मामले में, आज का ओपन कल के उच्च से अधिक होना चाहिए।

ब्रेकआउट

नीचे दिए गए ZEEL चार्ट में, गैप डाउन के बाद, ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट (ओआरबी) सुबह 9.45 बजे हुआ है। 336.10 के नीचे स्टॉक ब्रेकडाउन होता है, 334.90 के निचले स्तर पर जाता है और 335.80 पर बंद होता है। वॉल्यूम अच्छी है।

आप इस ट्रेड को अगले कैंडल ओपन में 335.65 पर लेंगे, जो दिन के उच्च स्तर पर,341.40 पर बंद होगा। व्यापार पर जोखिम 5.75 रुपये है। मैं अपने जोखिम को 1x से 1.5x के लाभ को लक्षित करता हूं जो होगा 6-9 रुपये की सीमा में। एक बार जब मैं 1x लक्ष्य को पार कर जाता है, तो मैं अपने लाभ को सख्त स्टॉप्स से बचाऊंगा। यदि आप एक से अधिक ट्रेड कर रहे हैं, तो आप आंशिक लाभ बुक कर सकते हैं और बड़े लाभ के लिए धीरे धीरे स्टॉप पर जा सकते हैं। मैं वह फैसला आप पर छोड़ता हूं।

10.20 बजे 326.10 का निचला स्तर बाहर निकलने के लिए एक अच्छा स्तर था। सुबह 11.55 बजे एक और अवसर था जब निम्न 325.25 था जो उच्च वॉल्यूम पर एक दोजी दर्शा रहा है, यह दोनों संभावित रिवर्सल के सिग्नल हो सकते हैं।

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महत्वपूर्ण:

जब आप इन ब्रेकआउट ट्रेड्स लेते हैं तो आपको कुछ बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए।

· ब्रेकआउट ट्रेड हमेशा गैप की दिशा में लें। यदि स्टॉक ने गैप अप किया है,तो एक लंबा ट्रेड करें,जब स्टॉक ओपनिंग रेंज के ऊपर ब्रेक करता है।

· यदि स्टॉक गैप डाउन करता है, छोटा ट्रेड लें, जब स्टॉक ओपनिंग रेंज के नीचे ब्रेक करता है।

· यदि आप एक काउंटर ट्रेंड ट्रेड लेना पसंद करते हैं, तो आप एक पुलबैक के दौरान गलत जगह पहुँचने का रिस्क उठाते हैं। इस रिस्क को कम करने के लिए, पोजीशन में प्रवेश करने से पहले, ब्रेकआउट को पहले होने और फिर विफल होने की पुष्टि करने की प्रतीक्षा करें।हम इस पर भविष्य के आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करेंगे।

· ब्रेकआउट के समय पर पर्याप्त मात्रा होना सुनिश्चित करें। हालांकि, बहुत बड़ी मात्रा खत्म होने का सिग्नल देती है और कम मात्रा बेपरवाही का और दोनों को ही पसंद नहीं किए जाते।

· दिन में जितना जल्दी ब्रेक आउट हो उतना बेहतर। यदि ब्रेक आउट दिन में बाद में हो तो सावधानी से चलें क्योंकि मात्रा कम हो सकती है।

· इस स्ट्रैटेजी को ट्रेड करते समय हमेशा एक कड़े स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करें। आदर्श स्टॉप लॉस एक बुलिश ब्रेकआउट के लिए ओपनिंग रेंज का कम से कम न्यूनतम या एक बियरिश ब्रेकआउट के लिए ओपनिंग रेंज का उच्च होना चाहिए। कुछ व्यापारी बेहतर मार्जिन रखने के लिए स्टॉप लॉस में अंतराल या अंतर के मध्य बिंदु को ध्यान में रखना पसंद करते हैं। मेरे लिए यह निर्णय अंतर, सीमा के आकार और व्यापार के लिए इनाम फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना अनुपात के लिए मेरे जोखिम पर निर्भर करेगा। कुछ ट्रेडर्स बेहतर मार्जिन रखने के लिए स्टॉप लॉस की गैप या गैप के मध्य बिंदु को ध्यान में रखना पसंद करते हैं। मेरे लिए यह निर्णय गैप, रेंज के साइज़ और ट्रेड के मेरे रिस्क से रिवार्ड के रेशो पर निर्भर करता है।

· यदि गैप्स और ओपनिंज रेंज बहुत बड़ी है तो ट्रेड लेने से बचें। इसका मतलब यह होगा कि आप ट्रेड में जितना कमा सकते हैं उससे अधिक जोखिम उठा रहे हैं। यह इसके लायक नहीं है।

Note: This article is for educational purposes only. Kindly learn from it and build your knowledge. We do not advice or provide tips. We highly recommend to always trade using stop loss.

Arshad Fahoum

Arshad Fahoum

Arshad is an Options and Technical Strategy trader and is currently working with Market Pulse as a Product strategist. He is authoring this blog to help traders learn to earn.

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