शेयर ट्रेडिंग

Share Market कैसे काम करते हैं?

Share Market कैसे काम करते हैं?
Stock Market

शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता हैं?

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही शेयर मार्केट में भी ऐसा ही है। एक तरफ शेयर मार्केट में जहां लोग अच्छा मुनाफा कमा कर करोड़पति बन रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ शेयर मार्केट में काफी नुकसान भी झेल रहे हैं, लेकिन अगर आप भी शेयर मार्केट में पैसा लगा रहे हैं तो आप भी इसके नुकसान से बच सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको इसकी पूरी जानकारी होना बेहद आवश्यक हैं।

क्योंकि बिना जानकारी के अगर आप शेयर मार्केट से पैसा कमाने चाहते हैं तो हो सकता है आप किस्मत वाले ही होंगे कि आपको मुनाफा मिलेगा अन्यथा ये काफी नुकसानदायक साबित होता है।

वहीं अगर आप ये सोच रहें कि शेयर बाजार में मोटा मुनाफा कमाने के लिए किसी योग्यता की जरूरत होगी तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, इसके लिए जरूरी है Share Market कैसे काम करते हैं? तो बस अच्छी जानकारी और समझदारी की। तभी आप इस क्षेत्र में पैसा लगाकर सफल हो सकेंगे।

आजकल शेयर मार्केट भी लोगों की कमाई का एक अच्छा जरिया बनता जा रहा है। काफी बड़ी संख्या में लोग शेयर मार्केट में पैसा लगा रहे हैं और सफल हो रहे हैं। यहां तक कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल वॉरेन बुफे ( Warren Buffet ) भी एक अच्छे शेयर इन्वेस्टर हैं जिन्होनें शेयर मार्केट से कई करोड़ रुपए तक कमाएं हैं क्योंकि उन्हें शेयर मार्केट के अच्छी जानकारी के साथ अच्छा अनुभव भी है।

चलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे कि शेयर मार्केट क्या है और कंपनिया कैसे शेयर जारी करती हैं।

Stock Market

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शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता हैं? – What is Stock Market

शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट (Stock Market) वह जगह होती है, जहां पर शेयर, डिबेन्चर्स, म्यूचुअल फंड्स, डेरिवेटिव्स और अन्य सेक्योरिटी (Shares, Debentures, Mutual Funds, Derivatives और अन्य Securities) को ख़रीदा और बेचा जाता हैं। आपको बता दें कि, शेयर्स को मुख्य रुप से स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जाता हैं।

वहीं अगर दूसरे शब्दों में कहें तो शेयर बाजार वास्तव में कम्प्यूटरों का नेटवर्क है, जहां पर शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं। ब्रोकरों के द्धारा शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। इसके साथ ही उच्च श्रेणी के सॉफ्टवेयर द्वारा तेज गति से मिलान भी किया जाता है। भारत के प्रमुख शेयर बाजार हैं –

BSE बॉम्वे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) और NSE नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange)।

शेयर मार्केट के प्रकार – Types of Stock Market

शेयर मार्केट दो तरह के होते हैं

  • प्राइमरी शेयर मार्केट (Primary share market)
  • सेकेंडरी शेयर मार्केट (Secondary share market)

प्राइमरी शेयर मार्केट (Primary Share Market)

प्राइमरी शेयर मार्केट में भी शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। वहीं इसके तहत कोई भी कंपनी बाजार में धन जुटाने के लिए प्राइमरी शेयर मार्केट में प्रवेश करती है। इसके तहत कंपनी जनता को शेयर जारी करने और पैसे जुटाने के लिए रजिस्टर्ड हो जाती हैं।

कंपनियां आम तौर पर प्राथमिक बाजार मार्ग के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होती हैं। वहीं अगर कोई कंपनी पहली बार शेयर बेच रही है, तो इसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (Initial Public Offering) या आईपीओ कहा जाता है, जिसके बाद कंपनी सार्वजनिक हो जाती है।

आईपीओ के लिए जाने के दौरान, कंपनी को अपने बारे में ब्योरा देना होगा, कंपनी को अपने वित्तीय, प्रमोटर, कारोबार, जो शेयर कंपनी द्धारा जारी किए जा रहे हैं समेत मूल्य बैंड की भी जानकारी देनी होगी।

सेकेंडरी शेयर मार्केट (Secondary Share Market)

सेकेंडरी शेयर मार्केट में, निवेशक पहले से ही सूचीबद्ध शेयर को खरीदने और बेचकर ट्रेडिंग करते हैं। सेकेंडरी शेयर मार्केट के तहत ऐसे लेनदेन होते हैं, जहां एक निवेशक मौजूदा मूल्य पर दूसरे से शेयर खरीदता है।

आम तौर पर, ये लेनदेन ब्रोकर के माध्यम से आयोजित किए जाते हैं। आपको बता दें कि सेकेंडरी शेयर मार्केट निवेशकों को अपने सभी शेयरों को बेचने और वित्तीय बाजार से बाहर निकलने का मौका भी देता है।

इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि जिस मार्केट में हम आमतौर पर पैसा लगाने की बात करते हैं तो हम सेकेंडरी शेयर मार्केट की ही बात कर रहे होते हैं।

वहीं सेकेंडरी शेयर मार्केट में ही एक स्टॉक या शेयर की कीमत लगाई जाती है, और उसे फायदे या नुकसान के साथ खरीदा और बेचा जाता है।

उदाहरण –

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि टाटा स्टील के शेयर बाजार (Share Bazar) में 230 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे हैं। एक निवेशक इन शेयरों को मौजूदा बाजार मूल्य पर खरीद सकता है और कंपनी का हिस्सा-स्वामित्व प्राप्त करेगा और शेयरधारक बन जाएगा।

शेयर मार्केट, कंपनियों के लिए धन जुटाने और निवेशकों के लिए बढ़ते व्यवसायों में अंश-स्वामित्व खरीदने और अपनी आय-संपत्ति बढ़ाने का एक स्रोत है। शेयरधारक बनने पर, एक निवेशक लाभांश के माध्यम से कंपनी द्वारा अर्जित लाभ का एक हिस्सा कमाता है। इसके साथ ही, निवेशक हारने का जोखिम भी उठाता है।

इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि- बाजार प्रतिभागियों को शेयर बाजार में व्यापार करने में सक्षम होने के लिए स्टॉक एक्सचेंज और बाजार नियामक सेबी ( Market Regulator Sebi ) के साथ रजिस्टर करने की जरूरत है।

आइए अब समझिए आखिर शेयर क्या होता है ? – What is Share

शेयर मार्केट में जो शेयर आप खरीदते या फिर बेचते हैं उन Share का अर्थ होता हैं -“हिस्सा” वहीं स्टॉक मार्केट की भाषा में “शेयर” का मतलब हैं – “कंपनियों में हिस्सा” । वहीं जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं। वहीं अगर आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं तो आप उस कंपनी के उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं।

आपको ये भी बता दें कि शेयर को हिंदी में अंश कहते हैं और शेयर होल्डर को अंशधारक Share Market कैसे काम करते हैं? कहते हैं। शेयर बाजार से शेयर खरीद कर आप भी वहां लिस्टेड किसी भी कंपनी के मालिक बन सकते हैं।

सभी शेयर कंपनी द्वारा घोषित किये गए सभी डिविडेंड (Dividend) अथवा बोनस शेयर के अधिकारी भी होते हैं। किसी कंपनी के शेयर खरीद लेने से आपको भी वो सब अधिकार मिल जाते हैं जो शेयर होल्डर के आधिकार होते हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर समझे तों, अगर किसी कंपनी ने कुल 1 लाख शेयर issue किए हैं और आपने उसमें से 10 हजार Shares खरीद लिए हैं तो आप उस कंपनी के 10% हिस्सेदार बन जाते हैं और आप जब चाहें तब इन शेयर्स को स्टॉक मार्केट में बेच सकते हैं।

आइए जानते हैं कि शेयर मार्केट में कंपनियां शेयर्स कैसे जारी (Issue) करती हैं ? – How companies issue shares

शेयर मार्केट में सबसे पहले कोई भी कंपनी अपने शेयर्स की स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करवाकर आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) लाती है। इसके बाद कंपनी खुद के शेयर अपने द्धारा तय किये हुए मूल्य पर लोगों को जारी करती है।

वहीं एक बार जब आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) पूरी हो जाती है उसके बाद कंपनी के शेयर मार्केट में आ जाते हैं और फिर स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) और ब्रोकर्स के माध्यम से निवेशकों द्वारा आपस में ख़रीदे और बेचे जाते हैं। इस तरह से फिर निवेशक कंपनी के शेयर खरीदकर और बेचकर कमाई करते हैं।

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1 thought on “शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता हैं?”

कृप्या आप शेयर बाजार में use होने वाली शब्दावली के बारे में Detail में बताइए..
जैसे शब्द – Stop Loss कहां और कैसे लगता है, क्या उसके लिए Charges भी लगते है, Intraday और Delivery दोनों में लगा सकते है, Stop Loss लगाने के बाद Stock अगर हमारे Loss Marker से नीचे गिरा तो 100% वो Stop Loss Marker में बिक जाएगा?
क्या Stop Profit भी लगा सकते हैं? क्या ये भी Stop Loss की तरह काम करेगा?

शेयर मार्केट क्या है ? कैसे काम करता है ? What Is Share Market In Hindi

share market

दोस्तों आपने कही न कही शेयर मार्केट (Share Market), सेंसेक्स (Sensex), निफ्टी (Nifty), NSE, BSE जैसे शब्दों के बारे में सुना होंगा। समाचार पत्रों, न्यूज़ चैनलों आदि में सुना होंगे की आज शेयर मार्केट में गिरावट आई , आज सेंसेक्स इतने अंक ऊपर बंद हुआ , आज निफ़्टी इतने अंक निचे बंद हुआ। तो क्या आपके मन में इन सभी के बारे में जानने की जिज्ञासा होती है। तो आइये आज की इस पोस्ट में जानते है शेयर मार्केट क्या है (Share Market कैसे काम करते हैं? What Is Share Market In Hindi), सेंसेक्स (Sensex) क्या है ? निफ्टी (Nifty) क्या है ? NSE, BSE क्या है। शेयर मार्केट कैसे काम करता है (How does stock market work?) जैसे शेयर मार्केट के बारे में बहुत सारी जानकारी।

शेयर मार्केट क्या है (What Is Share Market In Hindi)

दोस्तों हर एक वस्तु विशेष को खरीदने – बेचने के लिए एक बाज़ार (Market) होता है जैसे शब्जी के लिए अलग बाजार , कपड़ो का बाजार , घर के काम की वस्तु के लिए बाजार , इसी तरह से कंपनियों के शेयर (shear) को खरीदने बेचने के लिए शेयर मार्केट (Share Market) होता है। यह दूसरे अन्य बाजारों की तरह ही सामान्य बाजार होता है जंहा से आप शेयर को खरीद और बेच सकते है और बिच का मुनाफा कमा सकते है।

लेकिन शेयर मार्केट (Share Market) में ऐसे दुकाने नहीं लगती बल्कि यह सब ऑनलाइन चलता है. शेयर बाजार में आप अपने हिसाब से शेयर को, पैसे देकर खरीदते है और जब उन शेयर की कीमत बढ़ जाती है तब उन्हें बेचकर पैसे कमा सकते है, इसके अलावा ट्रेडिंग, सेल ट्रेडिंग से भी पैसे कमा सकते है। इसके लिए आपके पास एक बैंक सेविंग अकाउंट, ट्रेडिंग आकउंट और शेयर को खरीदने Share Market कैसे काम करते हैं? बेचने के लिए किसी एक ब्रोकरेज कम्पनी में डीमैट खाता खोलना होता है। जैसे की Groww, एंजेल ब्रोकिंग, अप्सटॉक, 5 पैसा, Zerodha आदि ऐसे कई कंपनिया है जहा आप शेयर खरीदने बेचने के लिए खाता खोल सकते है। यह सब कैसे काम करता है इसके बारे में भी हम Share Market कैसे काम करते हैं? आगे बात करेंगे। पहले इसके कुछ और जरुरी बातो को समझते है।

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शेयर मार्केट कैसे काम करता है (How does stock market work)

दोस्तों ये तो आप अच्छे से समझते होंगे की किसी भी कंपनी, बिज़नेस को चलाने, तरक्की करने के लिए पैसो की भी ज्यादा जरुरत होती है। जब कोई कंपनी मार्केट में आती है तो उसका एक उद्देश्य होता है। कौन सा प्रोडक्ट बनाना है , कितनी क्षमता और कितनी मात्रा में बनाना है। उसके हिसाब से ही उसे पैसो की जरुरत भी होती है। अब कम्पनी को पैसो के लिए या तो लोन लेना होता है। या तो अपनी कंपनी की कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर पैसे बना सकती है और उस हिस्सेदारी को वह शेयर मार्केट में लिस्ट कर सकती है।

मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है। लेकिन उस बिज़नेस आइडिआ को परिणाम देने के लिए पैसे नहीं है। ऐसे में वह अपनी कंपनी को SEBI (Securities and Exchange Board of India) के पास जाकर, कागजी कार्यवाही पूरी कर शेयर मार्केट (Share Market) में लिस्ट हो सकती है और वहा से अपने बिजनेस के लिए पैसे जुटा सकती है।

अब यहाँ शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर मार्केट (Share Market) या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी वह बेचती है। जब कोई निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम Share Market कैसे काम करते हैं? ब्रोकर्स करते है यह शेयरहोल्डर्स और कंपनी, बाजार में एक महत्पूर्ण कड़ी का काम करते है।

मान लो किसी कम्पनी को अपना बिज़नेस चलाने के लिए 10000 रुपये की जरुरत है। अब कंपनी अपने शेयर, उन्हके भाव के साथ बाजार में पेस करती है। कंपनी उतने ही शेयर बाजार में बेचती है जितने पैसो की उसे जरुरत हो और यह टोटल शेयर वेलु से 50% से कम ही होता है। तभी कंपनी के पास मालिकाना हक़ रहता है। अब जब कोई व्यक्ति उस कंपनी के शेयर खरीदता है तो उसे उस शेयर के भाव के आधार पर पैसे चुकाने होते है। अब यदि कंपनी अच्छा काम करती है, या और अधिक संख्या में लोग उस शेयर को खरीदने की जिज्ञासा जताते है तो उसके शेयर के भाव भी बढ़ते है। और कंपनी अच्छा काम नहीं करती है तो उसके शेयर के भाव कम होते है। ऐसे में शेयर मार्केट में व्यक्ति शेयर खरीदकर और बेचकर पैसे बना सकता है। ऐसे में कंपनी को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए पैसे मिल जाते है और शेयर होल्डर्स को ख़रीदे और बेचे गए शेयर्स के बिच का मुनाफा।

किसी भी कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए अलग अलग मार्केट है उन मार्केट्स के नियमो के मुताबित कंपनी अपने आप को शेयर बाजार में लिस्ट कर सकती है। हमारे देश भारत की बात करे तो यह शेयर बाजार के लिए दो मार्केट उपलब्ध है। आइये इनके बारे में जानते है।

NSE Kya Hai ? एनएसई क्या है ?Share Market कैसे काम करते हैं?

NSE का मतलब या Full Form “national stock exchange” है। वर्ष 1992 में स्थापित, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) बाजार पूंजीकरण के मामले में भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। एनएसई भारत में इलेक्ट्रॉनिक और पूरी तरह से स्वचालित व्यापार की प्रणाली में लाया गया पहला स्टॉक एक्सचेंज था। कुछ ही वर्षों में, व्यापार की इस इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली ने प्राकृतिक शेयर प्रमाणपत्रों को शामिल करते हुए कागज आधारित शेयर ट्रेडिंग सिस्टम को पूरी तरह से बदल दिया है।

स्टॉक एक्सचेंज में एक बेंचमार्क इंडेक्स भी होता है जिसे निफ्टी (Nifty) के नाम से जाना जाता है। निफ़्टी के अंतर्गत सबसे अधिक कारोबार वाली 50 कंपनियों को सूचीबद्ध किया जाता है। और इनके मार्केट के आधार पर निफ़्टी (Nifty) के अंक ऊपर निचे होते है। इसके अलावा, एनएसई को थोक व्यापार की शर्तें पे दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज के रूप में चुना गया है। और नेशनल स्टॉक की ग्लोबल रैंक 11 है।

BSE Kya Hai ? बीएसई क्या है ?

BSE का मतलब या full Form “Bombay stock exchange” होता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से भी पुराना शेयर मार्केट (Share Market) है। बीएसई ने वर्ष 1875 में “द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के नाम से अपना परिचालन शुरू किया। यह बीएसई को पूरे एशिया में सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज बनाता है। एनएसई के विपरीत, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज केवल ओपन-क्राय सिस्टम से पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग (बोल्ट) में 1995 में स्थानांतरित हो गया।

निफ्टी की तरह ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का भी अपना बेंचमार्क इंडेक्स है जिसे सेंसेक्स (Sensex) के नाम से जाना जाता है। इस सूचकांक को पहली बार वर्ष 1986 में पेश किया गया था। इसके अंतर्गत मूलतः कारोबार की 30 कंपनियों के औसतन परिणामो को अंको में पेस कर प्रस्तुत किया जाता है। यह दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है.

शेयर कैसे ख़रीदा और बेचा जाता है (How to sell and buy shares)

दोस्तों शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपके पास Demat Account और ट्रेडिंग आकउंट का होना बहुत जरुरी है। यह डीमैट आकउंट आप किसी भी ब्रोकरेज कंपनी से खोल सकते है आप इन्हे शेयर मार्किट अप्प भी कह सकते है जैसे की –

Stock Market में निवेश करने के लिए बैंक एकाउंट, Demat एकाउंट, Trading एकाउंट का होना अनिवार्य है. किसी भी ब्रोकरेज कंपनी में खाता खोलने के लिए आपको निम्न दस्तावेज लगेंगे।

  • PAN Card
  • Address Proof
  • Passport Size Photos
  • Account Check Book
  • 6 महीनो की अकाउंट ट्रांजेक्शन हिस्ट्री (किसी किसी कंपनी में)

इन दस्तावेजों की मदद से किसी भी ब्रोकरेज कम्पनी में आप अपना डीमैट खाता खुलवा सकते है। और जिसके बाद आपको अपने बैंक खाते से अपने ब्रोकरेज कम्पनी Share Market कैसे काम करते हैं? के वॉइलेट में पैसे डालने होंगे जिनसे आप शेयर खरीद और बेच सकते है। और इन पैसो को अपने बैंक खाते में निकाल भी सकते है। कुछ ब्रोकरेज कंपनियों के नाम मैंने आपको ऊपर दिए है जो आपको समय समय पर कौन से शेयर खरीदना है कौन से बेचना है। किस कंपनी में क्या चल रहा है पूरी जानकारिया देते रहते है। जो आपको इन्वेस्टमेंट में मदद करती है।

Share Market Books Hindi & English

शेयर बाजार को अधिक बारीकी से समझने के लिए आपको इन बुक्स को पढ़ना चाहिए।

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आज की इस पोस्ट में आपको शेयर मार्केट क्या है (What Is Share Market In Hindi), सेंसेक्स (Sensex) क्या है ? निफ्टी (Nifty) क्या है ? NSE, BSE क्या है। शेयर मार्केट कैसे काम करता है (How does stock market work?) आदि शेयर बाजार के बारे में बेसिक जानकारिया मिली होंगी। इससे जुड़े आपको कोई सवाल हो तो आप कमैंट्स कर सकते है।

आपभी शेयर बाजार के बन सकते हैं माहिर खिलाड़ी; ट्रेडिंग के अपनाएं ये 5 नियम, होगी मोटी कमाई

शेयर बाजार के कुछ नियम हैं, जिसे अपनाकर आप भी निवेश के बड़े खिलाड़ी बन सकते हैं.

आपभी शेयर बाजार के बन सकते हैं माहिर खिलाड़ी; ट्रेडिंग के अपनाएं ये 5 नियम, होगी मोटी कमाई

How To Become A Successful Traders Of Stock Market: शेयर बाजार में अगर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसमें एंट्री का रास्ता आसान है. वहीं अगर सोच-समझकर और समझदारी से योजना बनाई जाए तो शेयर बाजार में बिना किसी बाधा के एक सुसंगत और स्वतंत्र बिजनेस किया जा सकता है. हालांकि बाजार में ट्रेड वाले सभी के लिए जरूरी है कि उन्हें ट्रेडर और प्रोफेशनल ट्रेडर के बीच के गैप को कम करना चाहिए. अगर आप भी बाजार में प्रभावी रूप से कारोबार करना चाहते हैं तो तीन मुख्य बिंदुओं मसलन एंट्री, एग्जिट और स्टॉप लॉस का बेहद महत्व है. इसके साथ ही आपकी पोजिशन का साइज क्या है, यह भी बेहद अहम है. आपने जो ट्रेड की योजना बनाई है, उसका पालन करने में आप कितने सक्षम हैं और आपके अंतर-संचालन की क्षमता आपको बाजार में प्रभावी तरीके से ट्रेड करने में मदद कर सकती है. जिससे आप अपने पोर्टफोलियो का मैनेजमेंट सफलता से कर सकते हैं. जानते हैं शेयर बाजार के सफल ट्रेडर बनने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

शेयर बाजार में ट्रेडिंग एक तरह से बिजनेस है, और बिना सटीक प्लान के कोई भी बिजनेस सफल नहीं हो सकता है. सिर्फ कुछ किताबें पढ़कर ट्रेडिंग में आ जाना, सिर्फ ब्रोकरेज अकाउंट खोलकर और चार्टिंग प्रोग्राम खरीदकर शेयर बाजार में पैसा लगा देने से ही सफलता नहीं मिल सकती. इससे नुकसान का डर ज्यादा होता है.

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सटीक ट्रेड प्लान के लिए आपका सही स्ट्रैटेजी पर काम करना जरूरी है. इसके लिए आपको यह तय करना होगा कि आप कितना रिस्क लेने का क्षमता रखते हैं, आपके निवेश का लक्ष्य क्या है, आपका कैपिटल अलोकेशन क्या है, आप शॉर्ट टर्म या लांग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं. कब किसी निवेश में एंट्री करना है, कब निकलना है और स्टॉप लॉस क्या हो, इन बातों की समझ जरूरी है. इन बातों की समझ नहीं होगी तो आप मुसीबत में आ सकते हैं.

2. ट्रेड को लेकर न रहें कनफ्यूज

जब भी आप ट्रेडिंग का प्लान कर रहे हों, आपका माइंड क्लीयर होना जरूरी है. बाजार में कई बार अफवाहें तेज उड़ती हैं, अगर आपका ध्यान उन पर गया तो प्लान बिगड़ सकता है. इसलिए निगेटिव खबरों को लेकर खुद पर दबाव न बनाएं. अपने निवेश को लेकर इमोशनल न हों. सही निवेश को चुनें और उसमें बिना डर के पैसे लगाएं. दूसरों को डरा हुआ देखकर आप अपने द्वारा बनाए गए निवेश के प्लान से दूर न जाएं. ऐसा करके आप अपना बहुत सा मुनाफा गंवा सकते हैं.

आपके निवेश का आकार क्या है, यह बहुत महत्वपूर्ण है. इससे तय होता है कि आप कितनी क्वांटिटी का शेयर खरीद या बेच सकते हैं. आप कितने कैपिटल के साथ बाजार में सहज हैं, कितना रिस्क ले सकते हैं या उतार चढ़ाव झेल सकते हैं, इससे आपका ट्रेड प्लान सही से बाजार में लागू होता है. एक बार जब आप बाजार में निवेश करते हें, समय समय पर अपने निवेश का आंकलन, अपने पोजिशन साइज का रिव्यू और बैलेंस को बनाए रखना समान रूप से जरूरी है.

जब आपका ट्रेड सही दिशा में बढ़ रहा हो, तो कुछ बेहतर स्ट्रैटेजी के साथ काम करना जरूरी हो जाता है. मसलन कब निवेश में कौन सा शेयर बढ़ाना है या कौन सा घटाना है. कहां स्टॉप लॉस लगाकर ट्रेड करना है. इस तरह से आप बाजार के जोखिम को कम कर सकते हैं.

4. सीमित कर सकते हैं अपना नुकसान

शब्द “स्टॉप लॉस” का हाल के दिनों में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. यह सही भी है क्योंकि स्टॉप लॉस एक जोखिम की पूर्व-निर्धारित राशि है जो एक ट्रेडर हर ट्रेड के साथ सहने को तैयार होता है. यह आपके नुकसान के आकार को सीमित कर देता है. भले ही आपका ट्रेड लीडिंग पोजिशन में हो, स्टॉप लॉस को अनदेखा न करें, नहीं तो आपको ज्यादा नुकसान भी उठना पड़ सकता है.

5. अति-आत्मविश्वास दे सकता है नुकसान

ट्रेडिंग में सफलता आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, लेकिन आत्मविश्वास और अति-आत्मविश्वास के बीच एक अंतर है, जिसे जरूर समझें. अपने ट्रेड प्लान पर टिकें रहें और पहले से बनाई गई योजना के हिसाब से ही शेयर बाजार में चलें. भावनाओं में आकर ट्रेडिंग न करें. मसलन बहुत ज्यादा फायदे की स्थिति में भी बिना सोचे अपना अलोकेशन बढ़ाते जाएं.

Equity Market क्या है? Stock और Equity में क्या अंतर है?

😊📝भारत में Equity Market में हर रोज़ लाखो करोडो रुपये की लेन-देन शेयर मार्किट के जरिये की जाती है. यदि आप इस क्षेत्र में नए है और आपको इक्विटी मार्केट में प्रवेश करना है तो आपके पास इक्विटी मार्केट की सामान्य ज्ञान होना जरुरी है. यदि इक्विटी मार्केट का सामन्य आप के पास होगा तो आपको निवेश करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

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Equity Market क्या है?

इक्विटी मार्केट क ऐसी जगह है जहा पर आप कंपनिया शेयर का व्यवसाय करती है. यहाँ आप कंपनी अपने शेयर को ट्रेड कराती है. इक्विटी मार्केट में जिन इक्विटी को ट्रेड किया जाता है वह या तो काउंटर या स्टॉक एक्सचेंज के रूप में होते है.

इक्विटी मार्केट को शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट के रूप में भी जाना जाता है, जहा पर इक्विटी मार्केट यह अनुमति प्रदान करती है की विक्रेता और खरीदार एक मंच पर शेयर का सौदा कर सकते है.

एक ही इक्विटी या शेयर में कई बिक्रेता और खरीदार हो सकते है इसलिए इक्विटी मार्केट की अच्छी जानकारी होना आपके लिए एक अच्छा सौदा हो सकता है. यदि आप अपने देश भारत में ऑनलाइन इक्विटी ट्रेडिंग शुरू करना चाहते है तो आपको एक डीमैट अकाउंट प्राप्त करना होगा।

भारत में Equity Market कैसा है?

भारत में इक्विटी ट्रेड ज्यादातर स्टॉक एक्सचेंज पर होता है. भारत में कुछ स्टॉक मार्केट एक्सचेंज है जहा पर इक्विटी ट्रेड करना उपलब्ध है जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नवीनतम प्रवेशकर्ता, मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमएसई). स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर ख़रीदे और बेचे जाते है.

इक्विटी शेयर ट्रेडिंग को आप दो तरीके से कर सकते है- स्पॉट/कैश मार्केट और फ्यूचर्स मार्केट। ये दोनों ही इक्विटी के दो प्रकार है- स्पॉट मार्केट या कैश मार्केट एक पब्लिक फिनांशल मार्केट है जहा पर तुरंत डिलीवरी के लिए शेयर को ट्रेड किया जाता है. एक फ्यूचर मार्केट एक ऐसी जगह है जहा शेयर की डिलीवरी बाद के तारीख पर होती है.

Equity Market में ‘ग्रोथ’ क्या है?

इक्विटी मार्केट में ट्रैड किये गए शेयर या स्टॉक उन कंपनियों के है जो “ग्रोथ” दिखाती हैं. निवेशक सामन्यतौर पर “ग्रोथ”शेयर में ही निवेश करते है जो छोटी कंपनिया होती है लेकिन अपना ग्रोथ की दर उच्च होती है.

ग्रोथ स्टॉक वह है जहा आप निवेशक लाइव इक्विटी मार्केट में उच्च बोली लगाने के लिए तैयार होते है, चाहे वह भारत के इक्विटी बाजार के बारे में या विश्व के इक्विटी मार्केट में.

Equity Market कैसे काम करते हैं?

शेयर मार्केट कैसे काम करता है इसके पीछे का सिद्धांत बहुत ही सरल है. आप बस सोचे की एक नीलामी घर है जहा आप विक्रेता और खरीदार कीमतों की बात करते है और व्यवसाय करते है. अब आप नीलामी घर को इक्विटी मार्केट और घर के वस्तुओ को शेयर समझिये।

हर कंपनी अपने शेयर को एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कर देती है.निवेशक प्राइमरी मार्केट और सेकंडरी मार्केट से शेयर को खरीद सकते है.

शेयर मार्केट को financial watchdog के द्वारा नियंत्रण किया जाता है.इक्विटी मार्केट का रखरखाव स्टॉक एक्सचेंज और brokers, dealers जैसे आदि के द्वारा किया जाता है.

Equity Market का समय क्या है?

अभी तक स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग को 24 घंटे तक नहीं रखा गया है. स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग का टाइम सोमवार से लेकर शुक्रवार तक जो सुबह 9:15 am से 03:30 pm के बिच में होता है. शनिवार और रविवार को विशेष परिस्थिति होने पर ही ट्रेडिंग की जाती है.

इक्विटी ट्रेडिंग अवकाश क्या हैं?

वीकेंड और नॉन-बिज़नेस डे के आलावा ट्रेडिंग कभी बंद नहीं होती है, आप NSE या BSE के वेबसाइट पर जाकर हॉलिडे को देख सकती है.

Stock और Equity में क्या अंतर है?

स्टॉक और इक्विटी में कोई विशेष अंतर नहीं है। इन दो शब्दों का इस्तेमाल सामन्यतौर पर शेयरों के लिए किया जाता है. स्टॉक और इक्विटी सिर्फ पर्यायवाची हैं। इक्विटी शेयर ट्रेडिंग ऑनलाइन इक्विटी ट्रेडिंग सिस्टम के द्वारा की जाती है।😊✍🙏

शेयर बाजार में क्या Share Market कैसे काम करते हैं? है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद

commodity trading

जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी Share Market कैसे काम करते हैं? सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST

मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.

सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.

कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम

बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम

एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन

मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.

अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना

कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद Share Market कैसे काम करते हैं? कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.

फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -

दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.

पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का Share Market कैसे काम करते हैं? फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.

कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.

हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.

पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.

ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.

हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.

समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है

इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -

इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.

एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -

एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.

एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.

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